/ Nov 26, 2024
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DELHI POLLUTION: दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर श्रेणी के करीब पहुंच गया है। मंगलवार को आनंद विहार में AQI 436 रिकॉर्ड किया गया, जो शहर का सबसे प्रदूषित इलाका रहा। दिल्ली की जहरीली हवा का असर अब उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे हिमालयी राज्यों तक दिखाई देने लगा है। नैनीताल और मसूरी जैसे पर्यटन स्थलों की हवा में पिछले एक सप्ताह में प्रदूषण का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ा है। वैज्ञानिक इसे पर्यावरण और जैव विविधता के लिए गंभीर खतरा मान रहे हैं।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के वैज्ञानिकों का कहना है कि दिल्ली और आसपास के प्रदूषित इलाकों की हवा गर्म हवाओं के साथ हिमालय की ओर बढ़ रही है। इस कारण पहाड़ों पर नीली धुंध और प्रदूषण की परत नजर आ रही है। पार्टिकुलेट मैटर (PM) का स्तर पिछले महीने के मुकाबले 22% तक बढ़ चुका है। वहीं, PM10 का स्तर लगभग दोगुना हो गया है, जिससे एयर क्वालिटी इंडेक्स 110 तक पहुंच गया है। यह स्तर सुरक्षित सीमा से काफी अधिक है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस प्रदूषण का प्रमुख कारण इंडो-गंगा के मैदानी इलाकों से आने वाले प्रदूषक कण हैं। इसके अलावा, फसल अवशेष जलाने और औद्योगिक व वाहनों के उत्सर्जन ने हालात और खराब कर दिए हैं। हालांकि, नासा के अनुसार, इस साल फसल जलाने की घटनाओं में 70-80% की कमी आई है। बावजूद इसके, दिल्ली और हिमालयी क्षेत्रों में प्रदूषण की स्थिति असामान्य बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण का तात्कालिक समाधान बारिश है, जो हवा में मौजूद प्रदूषक कणों को जमीन पर गिरा सकती है। हालांकि, फिलहाल बारिश की कोई संभावना नहीं है। (DELHI POLLUTION)
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए ग्रैप-4 लागू रखने का निर्देश दिया। कोर्ट ने स्कूलों और कॉलेजों में फिजिकल क्लासेस फिर से शुरू करने पर विचार करने को कहा क्योंकि कई छात्रों को वर्चुअल क्लासेस में शामिल होने के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध नहीं हैं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रतिबंधों में ढील केवल AQI स्तर में लगातार सुधार के बाद ही दी जा सकती है।(DELHI POLLUTION)
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को दिए कड़े निर्देश
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