/ Oct 04, 2025
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CYCLONE SHAKTI 2025: अरब सागर के उत्तर-पूर्वी हिस्से में बना गहरा दबाव क्षेत्र तेजी से चक्रवाती तूफान ‘शक्ति’ में बदल चुका है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने इसकी पुष्टि करते हुए चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटों में यह गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। यह 2025 का पहला मानसूनोत्तर चक्रवात है, जो वर्तमान में द्वारका से लगभग 240 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में सक्रिय है। आईएमडी ने अक्टूबर में महाराष्ट्र के लिए सामान्य से अधिक वर्षा का पूर्वानुमान जारी किया है। विभाग ने नागरिकों से सतर्क रहने और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
आईएमडी के मुताबिक ‘शक्ति’ का असर गुजरात के कच्छ, सौराष्ट्र और उत्तर महाराष्ट्र तट के अलावा पाकिस्तान के निकटवर्ती इलाकों में भी दिखेगा। 4 अक्टूबर की सुबह तक इसके गंभीर चक्रवाती तूफान बनने की संभावना जताई गई है। अनुमान है कि यह 5 अक्टूबर तक उत्तर और मध्य अरब सागर के केंद्रीय भागों तक पहुंच जाएगा और उसके बाद पूर्व-उत्तर-पूर्व दिशा में आगे बढ़ेगा। हालांकि भारतीय मुख्यभूमि पर इसका सीधा प्रभाव कम होगा, लेकिन सौराष्ट्र और कच्छ में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
आईएमडी ने महाराष्ट्र में 3 से 7 अक्टूबर तक उच्च से मध्यम स्तर का अलर्ट जारी किया है। मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग जिलों में 4 और 5 अक्टूबर को 45-55 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है, जो 65 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती हैं। राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन प्रणाली सक्रिय करने, निचले इलाकों से लोगों की निकासी और समुद्री यात्रा पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
आईएमडी ने बताया कि 3 अक्टूबर दोपहर तक अरब सागर के केंद्रीय भाग में 55-65 किलोमीटर प्रति घंटा की हवाएं चल रही थीं, जो अगले 24 घंटों में 100-110 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती हैं। गुजरात और उत्तर महाराष्ट्र के तटों पर 3 से 5 अक्टूबर तक 45-55 किलोमीटर प्रति घंटा की हवाएं चलेंगी। मछुआरों को 3 से 6 अक्टूबर तक समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी गई है। महाराष्ट्र के आंतरिक हिस्सों विशेषकर पूर्वी विदर्भ और मराठवाड़ा में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। उत्तर कोकण में नमी के घुसाव और बादलों की अधिकता के कारण बाढ़ की स्थिति भी बन सकती है।
इस चक्रवात को ‘शक्ति’ नाम श्रीलंका ने दिया है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवातों के नामकरण की व्यवस्था विश्व मौसम संगठन (डब्ल्यूएमओ) और एशिया-प्रशांत आर्थिक एवं सामाजिक आयोग (ईएससीएपी) के तहत की जाती है। इस प्रणाली में भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड जैसे देश नाम सुझाते हैं। ‘शक्ति’ का अर्थ ताकत है और यह नाम श्रीलंका द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
समुद्र की सतह पर बनने वाला कम दबाव का क्षेत्र जब तेज़ हवाओं के साथ घूमता है और उसमें भारी वर्षा होती है, तो उसे चक्रवात कहा जाता है। यह प्राकृतिक घटना प्रायः उष्णकटिबंधीय समुद्री क्षेत्रों में देखने को मिलती है और तटीय इलाकों में बड़े पैमाने पर तबाही ला सकती है। उत्तरी हिंद महासागर, जिसमें अरब सागर और बंगाल की खाड़ी शामिल हैं, भारत समेत कई देशों को प्रभावित करने वाले चक्रवातों का प्रमुख क्षेत्र है। भूमध्यरेखीय क्षेत्र में चक्रवात की घूमने की दिशा अलग-अलग गोलार्ध में भिन्न होती है। उत्तरी गोलार्ध में यह anticlockwise दिशा में घूमते हैं, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में यह clockwise दिशा में घूमते हैं।
साल 2000 से पहले चक्रवातों को कोई नाम नहीं दिया जाता था। लेकिन 2004 से विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और एशियाई क्षेत्रीय संगठन (ESCAP) ने इस क्षेत्र में बनने वाले चक्रवातों को नाम देने की व्यवस्था शुरू की। उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में कुल 13 देश चक्रवातों के नाम सुझाते हैं। इनमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन शामिल हैं। प्रत्येक देश अपनी एक सूची बनाकर नाम देता है और जब भी नया चक्रवात बनता है, तो क्रम के अनुसार उसी सूची से नाम लिया जाता है।
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