/ Aug 01, 2025
All rights reserved with Masterstroke Media Private Limited.
CM DHAMI IN ACTION: उत्तराखंड में आवास विकास और पंचायतीराज विभाग की बैठकों में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि योजनाओं का लाभ सिर्फ पात्र लोगों को मिले और विकास की दिशा में ठोस कार्ययोजनाएं बनाई जाएं। सचिवालय में हुई इन बैठकों में कई बड़े फैसले लिए गए जो राज्य के शहरी और ग्रामीण विकास के लिए अहम माने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत लाभार्थियों का दोबारा सत्यापन करने के निर्देश दिए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाभ सिर्फ उन्हीं लोगों को मिले जो इसके वास्तव में पात्र हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि गलत तरीके से लाभ पाने और देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में किए जाने वाले सभी आवास आवंटनों में पात्रता की सख्ती से जांच की जाए। राज्य के शहरों के मास्टर प्लान में तेजी लाने, उनकी धारण क्षमता का आकलन करने और जल संरक्षण तथा वृक्षारोपण जैसे पर्यावरणीय उपायों पर भी ध्यान देने को कहा गया। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि शहरों में प्राधिकरण द्वारा पारित नक्शों के अनुसार ही निर्माण कार्य हों और भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग तथा ग्रीनरी अनिवार्य रूप से शामिल हो।
अतिक्रमण हटाने के लिए भी सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है। आमजन की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आवासीय नक्शे समयबद्ध ढंग से पास किए जाएं। मुख्यमंत्री ने राज्य के दोनों मण्डलों में एक-एक नए शहर विकसित करने की दिशा में कार्य तेज करने को कहा है। प्रमुख सचिव ने बताया कि आवास विभाग 8 गेम चेंजर योजनाओं पर काम कर रहा है और राज्य में पार्किंग की समस्या को देखते हुए 191 स्थानों पर पार्किंग निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। इनमें 109 मल्टीलेवल, 10 टनल, 63 सर्फेस और 9 ऑटोमेटेड पार्किंग शामिल हैं, जिनमें से 48 पूरे हो चुके हैं और 47 पर कार्य जारी है।
मुख्यमंत्री ने पंचायतीराज विभाग की बैठक में नव-निर्वाचित ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत सदस्यों को आधुनिक तकनीकी, वित्तीय प्रबंधन और शासन प्रणाली का प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गांवों के समग्र विकास पर ध्यान देना होगा। राज्य में ‘एकीकृत पंचायत भवन’ बनाने की योजना पर भी चर्चा हुई, जहां ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, पटवारी, आशा वर्कर आदि एक ही स्थान पर बैठ सकेंगे। इससे ग्रामीणों को सभी सुविधाएं एक जगह मिलेंगी। इनके लिए रोस्टर प्रणाली भी लागू की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने पंचायतीराज विभाग को यह भी निर्देश दिया कि अगले 15 वर्षों में कितना ग्रामीण क्षेत्र शहरी क्षेत्र में बदलेगा, इसका आंकलन किया जाए। ग्राम सभाओं के स्थापना दिवस को उत्सव के रूप में मनाने का सुझाव देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए संवाद और कैलेंडर आधारित कार्यक्रम होने चाहिए। मुख्यमंत्री ने पंचायत स्तर पर ई-गवर्नेंस, सभी योजनाओं की रीयल टाइम मॉनिटरिंग, कार्यों का ऑडिट और उसे सार्वजनिक पोर्टल पर उपलब्ध कराने को प्राथमिकता देने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि विकास कार्यों में आम जनता की भागीदारी और राय सुनिश्चित की जाए, और शिकायत समाधान की प्रक्रिया समयबद्ध हो।
गौरीकुंड-सोनप्रयाग मार्ग से 3129 यात्रियों का रेस्क्यू, SDRF-NDRF ने रातभर चलाया बचाव अभियान
देश दुनिया से जुड़ी हर खबर और जानकारी के लिए क्लिक करें-देवभूमि न्यूज
All Rights Reserved with Masterstroke Media Private Limited.