चार बच्चों की मां ने दो जीवित संतान बता जीता ये चुनाव, जांच हुई तो गई कुर्सी

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रुद्रपुर/देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड में त्रि-स्तरीय पंचायतीराज चुनाव के नियमों को दरकिनार कर एक बीडीसी सदस्य ने चुनाव के दौरान जानकारी छिपाकर चार बच्चे होने के बाद भी दो ही बच्चे होने का जिक्र किया। अब कुछ स्थानीय लोगों ने डीएम और सीडीओ को मामले की जानकारी दी और जांच करवाने की मांग की। इसके बाद सीडीओ ने जांच के आदेश दिए। इस मामले की जांच तहसीलदार रुद्रपुर और खंड विकास अधिकारी रुद्रपुर को सौंपी गई। जांच में सामने आया कि क्षेत्र पंचायत (बीडीसी मेंबर) भमरौला आभा सिंह के चार बच्चे हैं। इनके परिवार रजिस्टर में भी चार ही बच्चों का ही जिक्र है। चुनाव के बाद भी कोई बच्चा नहीं हुआ। कहीं न कहीं यह निर्वाचन और पंचायतराज विभाग की आंख में धूल झोंक कर बीडीसी मेंबर बनी हुईं थी। ऊधमसिंह नगर जनपद के मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाईं ने मामले में आदेश जारी करते हुए बीडीसी मेंबर भमरौला आभा सिंह को पंचायतीराज अधिनियम का उल्लंघन करने पर पद से हटा दिया है। इस मामले के संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी ऊधमसिंह नगर रमेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि आभा सिंह ने क्षेत्र पंचायत सदस्य के नामांकन पत्र में दो से अधिक जीवित संतान नहीं होने का उल्लेख किया। इस गलत जानकारी के आधार पर उन्हें पद से मुक्त कर दिया गया है।

बता दें कि उत्तराखंड में इससे पहले भी कई प्रधान, नगर पंचायत अध्यक्ष के साथ ही क्षेत्र पंचायत सदस्यों पर अपने बच्चों की गलत जानकारी देकर पद हासिल करने पर कार्रवाई होती रही है। हालांकि एक मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जब किसी प्रत्याशी की चुनाव के समय दो ही संतान है और उसकी एक और संतान हो गई तो उसकी कुर्सी पर कोई खतरा नहीं है, लेकिन चुनाव से पहले से ही अगर किसी जनप्रतिनिधि के दो से ज्यादा बच्चे हैं तो उनको कुर्सी से हटा दिया जाए। इसके साथ ही ऐसे लोग फिर से कभी भी इस चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर खड़े नहीं हो पाएंगे। रुद्रपुर में सामने आए मामले में बीडीसी मेंबर आभा सिंह ने जानकारियां छिपाकर चार की बजाय दो ही जीवित संतान होने का हलफनामा भरा था।