भू बैकुंठ धाम में दो साल बाद लौटी रौनक, देवडोलियों के साथ ही ये यात्रा पहुंची बदरीनाथ

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कुबेर और उद्धव की डोली के साथ ही गुरु शंकराचार्य की गद्दी और गाड़ू घड़ा कलश यात्रा पहुंची बदरीनाथ

चमोली (पुष्कर सिंह नेगी): तीन धामों के कपाट खुल चुके हैं जबकि एक प्रमुख धाम बदरीनाथ के कपाल कल आठ मई को देश-विदेश के श्रद्धालुओं के खुल जाएंगे। भू बैकुंठ धाम श्री बदरीनाथ में तमाम देव डोलियां पहुंच चुकी हैं। पूरे मंदिर को भव्य तरीके से सजाया जा रहा है। तेल कलश गाड़ू घड़ा भी आज पांडु नगरी से बदरीनाथ धाम पहुंच चुकी है। दो साल कोरोना काल में बाधित रही चारधाम यात्रा में इस बाद स्थानीय लोगों के साथ सभी श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ रहा है। एक दिन पहले ही केदारनाथ में 23000 से अधिक श्रद्धालुओं ने पहले दिन बाबा केदार के दर्शन किए। वहीं, बदरीनाथ धाम में भी देश-विदेश और स्थानीय श्रद्धालु और हक-हकूकधारी पहुंच रहे हैं।

बता दें कि कल आठ मई 2022 को सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर भू बैकुंठ धाम श्री बदरीनाथ के कपाट खोल दिए जाएंगे। बदरी विशाल भगवान की जय जयकारों के साथ हजारों की तादात में धाम में श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं। बदरी पुरी में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। भगवान बदरीनाथ के बद्रीश पंचायत की शोभा बढ़ाने देव डोलियां भी बदरीपुरी पहुंच चुकी हैं। बाल सखा उद्धव जी और देव खजांची कुबेर जी की डोलियों के साथ आदि गुरु शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी और दिव्य तेल कलश गाडू घड़ा यात्रा भी पांडु नगरी से आज श्री बदरीनाथ धाम पहुंच गई है। बड़ी संख्या में लोग इन देव डोलियों के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। पूरे मंदिर परिसर सहित सिंह द्वार को गेंदे और चम्पा चमेली के पुष्पों से सजाने की प्रक्रिया जारी है।

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ये है बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया…
सुबह करीब 4 बजे से मंदिर में कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मंदिर के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नम्बूरी की उपस्थिति में टिहरी नरेश के राजपुरोहित और बामणी गांव के प्रतिनिधि मंदिर का ताला खोलेंगे। रावल और धर्माधिकारी मंदिर में प्रवेश कर भगवान बदरी विशाल के घृत कंबल का अनावरण करेंगे। विशेष पूजा अर्चना के प्रातः काल साढ़े 6 बजे बाद आम श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर सकेंगे।

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धरती पर बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम…शास्त्रों में बदरीनाथ के बारे में कहा गया है कि बहूनि सन्ति तीर्थानि, दिवि भूमौ रसासु च।

भू बैकुंठ धाम में दो साल बाद लौटी रौनक, देवडोलियों के साथ ही ये यात्रा पहुंची बदरीनाथ