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बैसाखी पर्व पर मेले का आगाज, मेलों के जरिए ऐसे जिंदा रखी जाएगी देवभूमि की परम्परा

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कर्णप्रयाग में तीन दिवसीय बैसाखी मेले का आगाज, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल ने किया मेले का शुभारम्भ

चमोली (संवाददाता- पुष्कर सिंह नेगी): कर्णप्रयाग में आज से तीन दिवसीय बैसाखी धार्मिक पर्यटन विकास मेले का शुभारंभ हो गया है। कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर तीन दिवसीय मेले का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि के स्वागत में स्कूली बच्चों ने स्वागत गीन प्रस्तुत किया और संस्कृति गैरोला द्वारा सरस्वती वन्दना की प्रस्तुति दी गयी।

dance performance in baisakhi

वर्ष 2013 में तत्कालीन नगर पालिकाध्यक्ष सुभाष गैरोला की पहल पर वर्ष 2014 से कर्णप्रयाग में भव्य बैसाखी मेले की शुरुआत हुई थी। बाद में कोरोना महामारी के चलते मेले का संचालन नही हो पाया। नगर पालिकाध्यक्ष दमयन्ती रतूडी के कार्यकाल मे पहली बार इस वर्ष बैसाखी मेले का आयोजन किया गया है। मेले के उद्धघाटन से पूर्व आज पैरुल देवता की पूजा अर्चना की गई, स्कूली बच्चों के द्वारा कर्णमन्दिर से मुख्य बाजार तक कलश यात्रा निकली गयी। इस अवसर पर स्कूली बच्चों व महिला मंगलदल की महिलाओं द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गयी। बैसाखी के इस मेले में इस बार भोटिया जनजाति की महिलाओं द्वारा भी कार्यक्रम प्रस्तुति किये गए।

कार्यक्रम में उपस्थित अनुसूचित जाति मौर्चा के जिलाध्यक्ष गणेश शाह ने कहा कि मेले हमारी संस्कृति व परम्परा की एक पहचान है। मेलों में हमारी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है, इसलिए मेले हमेशा जिंदा रहने चाहिए। नगर पालिकाध्यक्ष दमयन्ती रतूडी ने कहा कि पालिका की पहल और जनता के सहयोग से मेले का आयोजन किया जा रहा है। सभी लोगों को इसमें हिस्सा लेना चाहिए। पूर्व पालिकाध्यक्ष सुभाष गैरोला ने मंच से कर्णप्रयाग क्षेत्र की समस्यायें गिनाते हुए कहा कि सिमली में बने बेस अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाया जाना चाहिए। उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर भी कर्णप्रयाग विधायक के माध्यम से एक मांग पत्र मुख्यमंत्री को भेजा। जनता को सम्बोधित करते हुए कर्णप्रयाग विधायक अनिल नॉटियाल ने कहा कि जनता के आशीर्वाद से मुझे कर्णप्रयाग विधानसभा की सेवा करने का अवसर मिला इसके लिए मैं क्षेत्रीय जनता का धन्यवाद करता हूं। उन्होंने कहा कि मेलो के संरक्षण के लिए उत्तराखंड सरकार पूरी तरह से सहयोग करेगी। मेलों में हमे पहाड़ की परम्परा व संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।

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