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बंद कमरे में मिले 4 शवों का राज खोला 12 पन्नों के सुसाइड नोट ने  

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Bageshwar Mass Suicide

Bageshwar Mass Suicide: 14 साल की मृत अंजली ने लिखा 12 पन्नों का सुसाइड नोट

Bageshwar Mass Suicide: बागेश्वर जिले के जोशीगांव के एक घर के अंदर से मिली 4 लाशों ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। अब इन चारों मौतों का राज एक नोट ने खोल दिया है। ये एक सुसाइड नोट है जो कि मृत 14 साल की अंजली ने लिखा है। आपको बता दें कि मृतकों (Bageshwar Mass Suicide) में एक महिला और तीन बच्चे शामिल हैं जिनमें से एक बच्चा तो मात्र 6 महीने का ही था।

इस सुसाइड नोट में महिला और उसके बच्चों को आत्महत्या (Bageshwar Mass Suicide) करने के लिए उकसाने की बात भी लिखी है जिसमें एक महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं मृत महिला के पती भूपाल राम को बीती रात पुलिस द्वारा कांडा के चुचेर गांव से हिरासत में लिया गया और उससे पूछताछ फिलहाल जारी है।

वहीं इस मामले (Bageshwar Mass Suicide) से जुड़ा सुसाइड नोट बरामद करने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट चुकी है। पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार वर्मा द्वारा पत्रकार वार्ता के दौरान बताया गया कि जोशी गांव में भूपाल राम का परिवार गोविंद बिष्ट के मकान में किराये पर रहता था जबकी भूपाल राम का गांव भनार, घटबगड़ में स्थित था।

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भूपाल सिंह 1 मार्च से अपने घर से कहीं चला गया था जिसके बाद 16 मार्च की शाम उसकी पत्नी नंदी देवी, बेटी अंजली, बेटा कृष्णा और 6 महिने का भावेश संदिग्ध परिस्थियों में मृत पाए गए। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है जिसमें शरीर में किसी भी प्रकार की कोई चोट नहीं नजर आई, वहीं इनका बिसरा जांच के लिए भेजा जा चुका है।    

14 साल की मृतका अंजली द्वारा लिखा गया ये सुसाइड नोट 12 पेज का है जिसमें लिखा गया है कि हमारा परिवार आर्थिक तंगी और उधारी से परेशान था, आए दिन लोग घर पर पैसे मांगने आते थे, जिसके कारण उनकी मां मानसिक रूप से परेशान रहने लगीं। इस सुसाइड नोट (Bageshwar Mass Suicide) में घर पर आकर पैसे मांगने वाले और दबाव बनाने वाले लोगों के नाम भी लिखे हैं।

साथ ही बच्ची ने सुसाइड नोट में ये भी लिखा है कि उनकी मम्मी सल्फास लेकर आई है और उन सभी के मरने के बाद उनके शवों को उनके चाचा को सौंप दिए जाए। वहीं इस सुसाइड नोट का अवलोकन करने के लिए एक टीम भी बनाई गई है और राइटिंग एक्सपर्ट की मदद से अंजली की कॉपी से सुसाइड नोट की राइटिंग मिलाई जा रही है।

इस पत्र में पुलिस सहयोग न मिलने की बात भी लिखी गई है जिसके बाद एसएचओ को लाइन हाजिर किया गया है। कपकोट कोतवाली और सीओ को विवेचना सौंप दी गई है, वहीं पुलिस की लापरवाही को देखते हुए विभागीय जांच की जा रही है।

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इस मामले (Bageshwar Mass Suicide) में नीमा देवी, निवासी रीमा पर धारा 306 यानी की आत्महत्या के लिए प्रेरित करने पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। आपको बता दें कि भूपाल राम ने नीमा देवी से 4 लाख रुपये लिए थे। उसने ये पैसे नीमा के पुत्र को नौकरी लगाने का झांसा देकर लिए थे, जिसकी प्राथमिकी कोतवाली में भी दर्ज कराई गई थी। इसके बाद 6 महीने पहले ही नीमा से समझौता हो चुका था मगर फिर भी नीमा पैसों के लिए परिवार वालों पर लगातार दबाव डाल रही थी।  

भूपाल राम से पूछताछ में ये सामने आया कि उस पर इतना कर्जा था कि उसके पास पैसे न होने पर उसने अपना मौबाइल 3-4 महीने पहले ही बेच दिया था। उसने ये भी बताया कि कोरोना काल से ही उसके और उसके परिवार के हालात ठीक नहीं थे जिसके बाद उसने लोगों से कर्जा लेकर गुजारा करना शुरु कर दिया और धीरे धीरे कर्जा बढ़ता चला गया और मुश्किलें भी बढ़ने लगी।

घर में एक पैसा न होने के कारण और लोगों के दबाव से बचने के लिए भूपाल राम 1 मार्च को अपना घर छोड़कर अपने गांव की तरफ चला गया। जिसके कुछ दिनों बाद भूपाल राम के परिवार ने आर्थिक तंगी के चलते और लोगों के बढ़ते दबाव के चलते आत्महत्या (Bageshwar Mass Suicide) करली।

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