/ Oct 08, 2025
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INDIAN AIR FORCE DAY 2025: आज भारतीय वायुसेना (आईएएफ) अपना 93वां स्थापना दिवस मना रही है। गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर आज भव्य परेड और शानदार एयर शो का आयोजन किया गया, जिसमें राफेल, सुखोई-30एमकेआई, मिग-29 और स्वदेशी तेजस जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों ने आसमान में शक्ति का प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अवसर पर वायुसेना के सभी अधिकारियों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं दीं, जबकि वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि यह दिवस उन सभी वीरों को समर्पित है जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को ब्रिटिश शासनकाल में एक सहायक बल के रूप में हुई थी। उस समय इसे ‘रॉयल इंडियन एयर फोर्स (RIAF)’ कहा जाता था, जो ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स का हिस्सा थी। वायुसेना की पहली उड़ान 1 अप्रैल 1933 को भरी गई थी। आजादी के बाद, 26 जनवरी 1950 को भारत के गणराज्य बनने के साथ ही ‘रॉयल’ शब्द को हटा दिया गया और इसका नाम ‘भारतीय वायुसेना (Indian Air Force)’ रखा गया। इसका ध्येय वाक्य “नभः स्पृशं दीप्तम्” भगवद्गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है, जिसका अर्थ है “आकाश को छूती हुई दिव्य ज्योति।”
इस वर्ष का स्थापना दिवस ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को समर्पित किया गया है। यह अभियान पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सफल कार्रवाई की थी। इस मिशन में भारतीय वायुसेना ने दुश्मन के 12 से 13 लड़ाकू विमानों को नष्ट किया, जिनमें एफ-16 और जेएफ-17 शामिल थे। इसके अलावा, एक सी-130 परिवहन विमान और दो निगरानी विमान भी मार गिराए गए। इस अभियान में एस-400 मिसाइल सिस्टम ने 300 किलोमीटर दूर से दुश्मन के विमान को निशाना बनाया।
ग्लोबल फायरपावर की 2025 रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर वायुसेना है, जो अमेरिका, रूस और चीन के बाद आती है। वर्तमान में आईएएफ के पास लगभग 2,200 विमान हैं, जिनमें करीब 31 लड़ाकू स्क्वाड्रन (550 से 600 फाइटर जेट) शामिल हैं। हालांकि, स्वीकृत संख्या 42 स्क्वाड्रन की है, जिसे 2035 तक हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। आईएएफ के बेड़े में सुखोई-30एमकेआई (260 से अधिक), राफेल (36), मिराज-2000, जगुआर, तेजस और मिग-29 जैसे आधुनिक विमान शामिल हैं।
लगभग 1,40,000 सक्रिय कर्मियों के साथ भारतीय वायुसेना न केवल सीमा सुरक्षा बल्कि आपदा राहत, मानवीय मिशन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग अभियानों में भी अग्रणी भूमिका निभाती है।सरकार और रक्षा मंत्रालय ने 2047 तक भारतीय वायुसेना को और सशक्त बनाने का लक्ष्य तय किया है, जिसके तहत 60 स्क्वाड्रन और 1,000 कॉम्बैट जेट्स के साथ आत्मनिर्भर और अत्याधुनिक एयरफोर्स बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
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