/ Oct 07, 2025

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73वें राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक गौचर मेले की तैयारियां शुरू, मेला समिति की हुई बैठक

GAUCHAR MELA 2025: आगामी 73वें राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक गौचर मेले की तैयारियों को लेकर आज जिलाधिकारी संदीप तिवारी की अध्यक्षता में राजकीय इंटर कॉलेज गौचर के सभागार कक्ष में प्रथम बैठक आयोजित की गई।  बैठक के दौरान मेलाधिकारी एवं उपजिलाधिकारी कर्णप्रयाग सोहन सिंह रांगण ने पिछले वर्ष आयोजित 72वें गौचर मेले के आय-व्यय का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि मेले के खाते में ब्याज सहित कुल 57,206 रुपये की राशि अवशेष है, जिसके आधार पर इस वर्ष के मेले को और अधिक भव्य व दिव्य स्वरूप देने की योजनाबद्ध तैयारियां की जा रही हैं।

GAUCHAR MELA 2025
GAUCHAR MELA 2025

इस बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी, जनप्रतिनिधि, व्यापार संघ के पदाधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे, जिन्होंने मेले को भव्य, आकर्षक और सफल बनाने के लिए अपने सुझाव साझा किए।स्थानीय लोगों ने प्रस्ताव रखा कि GAUCHAR MELA 2025 में आने वाले छात्र-छात्राओं के लिए कैरियर काउंसलिंग स्टॉल लगाए जाएं, साथ ही स्किल इंडिया योजना के तहत युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जाए। पालिका सभासदों ने सुझाव दिया कि गौचर मेले को एक “आदर्श मेला” के रूप में विकसित करने के लिए मेले परिसर में पूर्ण रूप से प्लास्टिक प्रतिबंध लागू किया जाए।

GAUCHAR MELA 2025
GAUCHAR MELA 2025

“प्लास्टिक मुक्त” होगा GAUCHAR MELA 2025

बैठक में जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए कैरियर काउंसलिंग स्टॉल लगाना एक सराहनीय पहल होगी, वहीं स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान कर उनकी प्रतिभा को बढ़ावा दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि “प्लास्टिक मुक्त मेला” बनाना प्रशासन और जनता दोनों की सामूहिक जिम्मेदारी है, और इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश, जिला विकास अधिकारी के.के. पंत, जनप्रतिनिधि, व्यापारी वर्ग, स्थानीय नागरिक और जनपद स्तरीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

एतिहासिक है गौचर मेला

गौचर मेला उत्तराखंड के चमोली जिले के गौचर कस्बे में आयोजित होने वाला एक प्रसिद्ध राज्य स्तरीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेला है। गौचर मेला की शुरुआत वर्ष 1943 में हुई थी, जब इसे भोटिया व्यापारिक मेला के नाम से शुरू किया गया। इसका उद्घाटन उस समय के डिप्टी कमिश्नर मिस्टर बार्नेडी ने किया था। वर्ष 1953 तक यह पूरी तरह से एक व्यापारिक मेला रहा, लेकिन 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद तिब्बत सीमा बंद हो जाने से इसका स्वरूप बदल गया। 1960 के दशक से यह एक सांस्कृतिक आयोजन के रूप में विकसित हुआ।

GAUCHAR MELA 2025
GAUCHAR MELA 2025

स्वतंत्रता के बाद यह तय किया गया कि हर वर्ष इसे 14 नवंबर, पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन से एक सप्ताह तक आयोजित किया जाएगा। आज यह मेला औद्योगिक विकास, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और हाट-बाजार का सम्मिलित स्वरूप बन चुका है।  हर वर्ष गौचर मेला 14 नवंबर से शुरू होकर सात दिनों तक आयोजित किया जाता है। गौचर मेले का मुख्य आकर्षण इसका पारंपरिक व्यापारिक स्वरूप है। यहां स्थानीय हस्तशिल्प, ऊन, पश्मीना, कृषि उत्पाद और दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुएं बेची जाती हैं। दुकानों और स्टॉल का आवंटन स्थानीय समिति या ऑनलाइन माध्यम से किया जाता है।

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