/ Oct 07, 2025
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HARYANA IPS OFFICER SUICIDE: हरियाणा कैडर के वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने सोमवार को अपने चंडीगढ़ स्थित आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। अधिकारी की मौत की घटना के बाद से हरियाणा पुलिस और प्रशासनिक हलकों में सनसनी मच गई है। वाई. पूरन कुमार हरियाणा पुलिस के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (ADGP) के पद पर तैनात थे। हाल ही में, 29 सितंबर को उनका तबादला रोहतक की सुनहरिया जेल में किया गया था।
घटना चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित उनके सरकारी आवास (मकान नंबर-116) में दोपहर के समय हुई। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उन्होंने अपने ही सेवा हथियार से खुद को गोली मारी थी। मौके से पुलिस ने उनका हथियार बरामद कर लिया है, हालांकि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस अधिकारी उनके मोबाइल फोन, दस्तावेज़ों और अन्य व्यक्तिगत सामान की जांच कर रहे हैं ताकि आत्महत्या के पीछे की वजह का पता लगाया जा सके।
अधिकारी की पत्नी अमनीत पी. कुमार एक वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं, जो वर्तमान में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में जापान के आधिकारिक दौरे पर हैं। घटना के समय वे घर पर मौजूद नहीं थीं। परिवार को इस दुखद घटना की सूचना दे दी गई है। घटना की सूचना मिलते ही चंडीगढ़ पुलिस और हरियाणा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर साक्ष्य जुटाए हैं। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और विस्तृत जांच जारी है। चंडीगढ़ पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की पुष्टि हुई है।
जानकारी के अनुसार हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार बीते डेढ़ वर्ष से लगातार सुर्खियों में बने हुए थे। पिछले वर्ष उन्होंने “वन ऑफिसर, वन हाउस पॉलिसी” के तहत शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कई अधिकारियों पर एक से अधिक सरकारी आवास कब्जे में रखने का आरोप लगाया गया था। इसके अलावा, वाई. पूरन कुमार ने 2024 में हरियाणा के कुछ आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशन पर भी सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि कई अफसरों को गृह मंत्रालय के नियमों की अनदेखी करते हुए गलत तरीके से प्रमोट किया गया।(HARYANA IPS OFFICER SUICIDE)
इसके अलावा वाई. पूरन कुमार ने पूर्व डीजीपी मनोज यादव पर उत्पीड़न के गंभीर आरोप भी लगाए थे। उन्होंने अंबाला के एसपी को दी गई शिकायत में कहा था कि 3 अगस्त 2020 को, जो कि सार्वजनिक अवकाश था, वे शहजादपुर थाने स्थित मंदिर में माथा टेकने गए थे। उसी दिन तत्कालीन एसपी अभिषेक जोरवाल भी वहां पहुंचे थे। बाद में 17 अगस्त 2020 को डीजीपी मनोज यादव ने उन्हें पत्र भेजकर पूछा कि क्या थाने में मंदिर स्थापित करने से पहले सरकार से अनुमति ली गई थी। इस पर पूरन कुमार ने कहा था कि इस मामले में उन्हें लगातार प्रताड़ित किया गया और मानसिक दबाव झेलना पड़ा।
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