/ Jul 03, 2025
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AMARNATH YATRA 2025: अमरनाथ यात्रा 2025 की शुरुआत आज 3 जुलाई को जम्मू-कश्मीर में श्रद्धा और उत्साह के साथ हुई। बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहला जत्था जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास बेस कैंप से रवाना हुआ। यह यात्रा 38 दिनों तक चलेगी और 9 अगस्त 2025 को रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 2 जुलाई को पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिसमें 5,880 श्रद्धालु शामिल थे। ये श्रद्धालु बालटाल और पहलगाम मार्गों से पवित्र गुफा की ओर बढ़े। आज सुबह बालटाल और पहलगाम बेस कैंप से श्रद्धालुओं ने ‘हर हर महादेव’ और ‘बम बम भोले’ के जयकारों के साथ अपनी यात्रा आरंभ की।
इस वर्ष अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर प्रशासन सतर्क है। पूरे यात्रा मार्ग पर भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। ड्रोन से निगरानी, सीसीटीवी कैमरे और राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर रमबन जिले में 17 मेडिकल कैंप की व्यवस्था की गई है। यात्रा मार्ग में स्थानीय समुदाय भी श्रद्धालुओं की सेवा में जुटा हुआ है। उधमपुर के काली माता मंदिर बेस कैंप पर तीर्थयात्रियों के स्वागत में विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। स्थानीय लोग खाने-पीने, विश्राम और स्वास्थ्य सेवाओं में सहयोग कर रहे हैं, जिससे यह यात्रा न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक एकता और सौहार्द का प्रतीक भी बन गई है।
अमरनाथ गुफा समुद्र तल से लगभग 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और आमतौर पर जून से अगस्त के दौरान ही खुलती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान शिव ने इसी गुफा में माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी जिसमें उन्होंने अमरत्व के रहस्य का वर्णन किया था। इस कथा को सुनाने के लिए भगवान शिव ने अपने सभी प्रतीकों का त्याग किया था, जैसे नंदी, चंद्र, नाग, गंगा, पांच तत्व और यहां तक कि अपने पुत्रों को भी छोड़ दिया था, ताकि कोई और यह कथा न सुन सके। इसलिए इसे ‘अमरनाथ’ कहा जाता है, यानी जहां अमरत्व का रहस्य प्रकट हुआ।
अमरनाथ यात्रा के लिए दो प्रमुख मार्ग निर्धारित हैं पहलगाम और बालटाल। पहलगाम मार्ग लगभग 29 किलोमीटर लंबा और कठिन है, जबकि बालटाल मार्ग छोटा है लेकिन इसमें खड़ी चढ़ाई होती है। इस वर्ष यात्रा के लिए 3.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है। पंजीकरण की प्रक्रिया 14 जून से शुरू हुई थी और अब समाप्त हो चुकी है। ऑनलाइन पंजीकरण शुल्क 220 रुपये तथा ऑफलाइन पंजीकरण शुल्क 120 रुपये रखा गया था। इस वर्ष यात्रा के लिए प्रति दिन 15,000 श्रद्धालुओं को अनुमति दी गई है।
इस यात्रा में भाग लेने वाले सभी श्रद्धालुओं को पूरी तरह से स्वस्थ होना आवश्यक है। यात्रा से पहले स्वास्थ्य प्रमाणपत्र बनवाना अनिवार्य है। जिनकी उम्र 13 वर्ष से कम या 75 वर्ष से अधिक है और जो महिलाएं गर्भवती हैं, उन्हें इस यात्रा की अनुमति नहीं है। यात्रा के दौरान अपने साथ जरूरी दवाइयां, प्राथमिक उपचार किट और डॉक्टर द्वारा सुझाए गए सभी औषधीय सामान अवश्य रखें। यात्रा के दौरान गरम कपड़े, वाटरप्रूफ जैकेट, टोपी, दस्ताने, रेनकोट और मजबूत ट्रेकिंग जूते साथ रखें। सरकार और श्राइन बोर्ड द्वारा जारी किए गए सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें और पंजीकरण के बिना यात्रा पर न निकलें।
अमरनाथ यात्रा 2025 का शेड्यूल हुआ जारी, इस दिन से शुरू होंगे रजिस्ट्रेशन
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