/ Jun 06, 2025

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मानसून 2025: कितने तैयार हैं हम?

MONSOON 2025: मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष मानसून समय से कुछ दिन पहले आ रहा है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि जून 25 तक मानसून उत्तराखंड में दस्तक दे देगा। वैसे शासन – प्रशासन की मानसून सीजन को लेकर कमर कस दी है। लेकिन जिस तरह से कुछ सालों से देखा जा रहा है कि उत्तराखंड में बरसात भारी तबाही लेकर आती है। तो ऐसे में सवाल खड़े होते हैं कि इस मानसून सीजन में आपदा प्रबंधन के लिए हम कितने तैयार हैं?  वैसे MONSOON 2025 से पहले की बरसात ने अपना रुख साफ कर दिया है कि इस वर्ष भी आफत वाली बारिश ही देखने को मिलेगी।

MONSOON 2025
MONSOON 2025

2024 में आपदा से 154 करोड़ का हुआ था नुकसान

पिछले  वर्ष 2024 में आपदा की मार उत्तराखंड ने झेली थी। यहां बादल फटने, भूस्खलन और अतिवृष्टि से क्या मैदान और क्या पहाड़ सभी जगह भारी नुकसान देखने को मिला। केदारनाथ की यात्रा कई दिनों तक बंद रही। वहीं खासकर टिहरी, टिहरी और पिथौरागढ़ में कई गांव को भारी नुकसान हुआ। पिछले वर्ष के सरकारी आंकड़ों में नजर डाले तो 2024 में आपदा के कारण 82 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हुए थे। पूरे प्रदेश में आपदा के कारण 154 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था। यही नहीं सरकार द्वारा सभी जिलों में 600 करोड़ से अधिक की राहत राशि वितरित की थी।

MONSOON 2025
सांकेतिक आपदा चित्र

MONSOON 2025 का यह है पूर्वानुमान

उत्तराखंड में मौसम विभाग के अनुसार इस बार एक मार्च से अब तक ग्रीष्म काल में सामान्य से 16 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। जबकि, एक मई के बाद से अब तक 94 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई। आने वाले दिनों में पर्वतीय क्षेत्रों में प्री-मानसून शावर तेज हो सकती हैं। कई क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ तीव्र बौछार और तेज हवा चलने का दौर जारी है। राजधानी देहरादून सहित कई जगहों पर बारिश की बौछारें पड़ रही हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, 27 मई तक मानसून केरल पहुंचेगा और  प्रदेश में MONSOON 2025 के 25 जून के आसपास पहुंचने की उम्मीद है।

MONSOON 2025
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जो कि सामान्य के करीब ही माना जाएगा। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, एक मार्च से 31 मई तक प्री-मानसून सीजन होता है। इसके बाद एक जून से 30 सितंबर तक मानसून का सीजन माना जाता है। MONSOON 2025 के दस्तक देने से पहले होने वाली वर्षा को प्री-मानसून शावर कहते हैं। उत्तराखंड में हल्की, मध्यम वर्षा का सिलसिला जारी है, जो जून की शुरुआत में और तेज हो सकते हैं, जो मानसून आने तक जारी रहेंगे।

आपदा प्रबंधन को लेकर ये हैं सरकार की तैयारी

उत्तराखंड में MONSOON 2025 सीजन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने सभी जिलों के अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक की है। इस बार आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा आपदा से निपटने के लिए और तुरंत राहत कार्य शुरू करने के लिए मॉक ड्रिल भी की गई है। इसके साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग, पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग, पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई सहित सभी विभागों के बीच समन्वय बनाने को लेकर भी तैयारी हो चुकी है। इसके अलावा आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन देहरादून सचिवालय से पूरे प्रदेश में आपदा प्रबंधन को लेकर कॉडिनेशन कर रहे हैं।

MONSOON 2025
MONSOON 2025

पीडब्ल्यूडी के सचिव पंकज पांडेय ने बताया कि आगामी MONSOON 2025 सीजन को देखते हुए विभाग की ओर से सभी तैयारी सुनिश्चित कर ली गई है। अभी चारधाम यात्रा जारी है इसको देखते हुए भी पीडब्ल्यूडी विभाग अलर्ट मोड पर है। प्रमुख अभियंता ने बताया कि यदि लैंडस्लाइड से रास्ता बंद होने जैसी स्थिति होती है तो उसके लिए हमने ढाई सौ जेसीबी और पोकलेन मशीनों को लगाया है। साथ ही उन स्थानों को भी चिन्हित किया है जहां पर लैंडस्लाइड होने की ज्यादा संभावना होती है। वहां पर पहले से ही मशीनों को तैनात किया गया है, जिससे लैंडस्लाइड की स्थिति में जल्द से जल्द रास्ते को खोला जाए।

प्री मानसून ने ही बढ़ा दी सबकी चिंता

चमोली जनपद में 19 मई शाम हुई वर्षा-ओलावृष्टि ने पीपलकोटी और बदरीनाथ हाईवे पर परेशानी खड़ी कर दी। पीपलकोटी में अतिवृष्टि से गदेरा उफान पर आ गया, जिसके मलबे में चार चौपहिया वाहन दब गए। पागलनाला में भारी वर्षा से बदरीनाथ हाईवे का 100 मीटर हिस्सा मलबे से पट गया। इस कारण हाईवे अवरुद्ध होने से दो हजार से अधिक तीर्थयात्री चार घंटे तक फंसे रहे। पुलिस को तीर्थ यात्रियों को ज्योतिर्मठ, पीपलकोटी व चमोली में रोकना पड़ा। वर्षा के कारण जिले में पांच घंटे बिजली भी गुल रही। इसी दिन पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा को जोड़ने वाले धारचूला-तवाघाट नेशनल हाईवे पर ऐलागाड़ में पहाड़ी का बड़ा हिस्सा टूट गया।

MONSOON 2025
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सड़क बंद होने के कारण पर्यटकों के सैकड़ों वाहन, आदि कैलाश के यात्री और स्थानीय लोग रास्ते में ही फंसे रहे। करीब 23 घंटे बाद, अलगे दिन रात आठ बजे छोटे वाहनों के लिए रास्ता खोला जा सका। घटना 19 मई रात करीब नौ बजे हुई जब ऐलागाड़ में धारचूला-तवाघाट हाईवे पर पहाड़ी दरक गई और भारी मात्रा में मलबा तथा बोल्डर सड़क पर आ गिरा। जिससे व्यास, दारमा और चौदास घाटियों का पिथौरागढ़ जिले के शेष हिस्से से संपर्क पूरी तरह कट गया। इस कारण आदि कैलाश यात्री, पर्यटक और धारचूला तहसील मुख्यालय के लिए निकले स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

बारिश से पहले सताने लगी चिंता

काशीपुर में MONSOON 2025 सीजन शुरू होने के साथ ही ढेला नदी के किनारे बसे लोगों में वर्ष 2023 में आई त्रासदी का भय फिर से बढ़ गया है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि यदि प्रशासन समय रहते स्थायी पिचिंग का कार्य नहीं कराता, तो इस साल भी भारी नुकसान होने की संभावना है। काशीपुर स्थित ढेला नदी और उसके किनारे बसी बस्तियां खतरे के घेरे में हैं। लक्ष्मीपुर पट्टी (ढेला बस्ती) और मधुवन नगर क्षेत्र के लोग एक बार फिर डर के साये में जी रहे हैं।

MONSOON 2025
MONSOON 2025

क्षेत्र के पार्षद अब्दुल कादिर ने बताया कि प्रशासन और संबंधित विभागों को कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया है, लेकिन अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है। जहां वर्ष 2023 की बाढ़ में दर्जनों मकान नदी में समा गए थे और प्रसिद्ध नागेश्वर मंदिर को भी भारी क्षति पहुंची थी। यदि इस वर्ष भी ढेला नदी ने पिछले वर्षों की तरह विकराल रूप धारण किया तो ढेला बस्ती व मधुवन नगर में लगभग 20 से 25 मकानों के साथ ही नागेश्वर मंदिर को भी गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है।

चमोली जिले के सिमली नगर पालिका क्षेत्र में बाढ़ सुरक्षा कार्य न होने के कारण आबादी और बाजार को गंभीर खतरा बना हुआ है। ग्रामीण लगातार यहां चेकडैम और सुरक्षा दीवार निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन निरीक्षण और सर्वे से आगे कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही है। कर्णप्रयाग के सिमली में पिंडर नदी के किनारे बने चेकडैम और सुरक्षा दीवार कई जगह क्षतिग्रस्त हालत में पड़े हैं। बस्ती विद्यापीठ डिम्मर के पिंडर नदी के तट पर एक दशक पूर्व बने चेकडैम और सुरक्षा दीवार कई स्थानों पर टूट चुकी हैं। यहां के स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन  से चेक डैम और सुरक्षा दीवार निर्माण की मांग की है।

–  पंकज गैरोला

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