/ Mar 10, 2025
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BHUPESH BAGHEL ED RAID:छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और AICC महासचिव भूपेश बघेल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। सोमवार सुबह ईडी की टीम ने उनके भिलाई-3 स्थित आवास सहित बेटे चैतन्य बघेल और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान 14 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली गई। ईडी ने बताया कि यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले के मामले में की गई है, जिसमें 2100 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। जांच एजेंसी के मुताबिक, इस घोटाले में भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को भी लाभ मिलने का आरोप है।
ईडी की टीम सुबह चार गाड़ियों में भूपेश बघेल के घर पहुंची और वहां दस्तावेजों की जांच शुरू की। इसके अलावा उनके बेटे चैतन्य बघेल के करीबी लक्ष्मीनारायण बंसल, पप्पू बंसल, मनोज राजपूत, अभिषेक ठाकुर, संदीप सिंह, कमल अग्रवाल, सुनील अग्रवाल और अजय चौहान के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई। ईडी की इस कार्रवाई के तुरंत बाद भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताते हुए कहा कि जब सात साल पुराने झूठे केस को कोर्ट ने खारिज कर दिया, तो भाजपा के इशारे पर ईडी उनके घर पहुंची है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को रोकने की यह साजिश है, लेकिन वे डरने वाले नहीं हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि जब कोर्ट इस मामले को पहले ही खारिज कर चुकी है, तो अब कार्रवाई क्यों की जा रही है? कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि संसद के सत्र के पहले दिन भाजपा अपनी नाकामियों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की कार्रवाई कर रही है। भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया है। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि भूपेश बघेल के शासनकाल में बड़े घोटाले हुए हैं और जांच एजेंसियां सिर्फ अपना काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई दोषी नहीं है, तो उसे डरने की जरूरत नहीं है।
ईडी के अनुसार, 2019 से चल रहे शराब घोटाले में आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर की संलिप्तता पाई गई थी। इस घोटाले में डिस्टलरी संचालकों से प्रति पेटी शराब पर 75 से 100 रुपये तक कमीशन वसूला गया। सरकारी दुकानों पर नकली होलोग्राम लगी शराब बेची गई, जिससे करोड़ों रुपये की अवैध कमाई हुई। इसके अलावा महादेव सट्टा ऐप घोटाले में भी भूपेश बघेल का नाम जोड़ा गया है, जिसमें 6000 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया था। वहीं, 570 करोड़ रुपये के कोल घोटाले में भी उनकी सरकार के अधिकारियों पर आरोप लगे थे।
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