/ Dec 09, 2024
All rights reserved with Masterstroke Media Private Limited.
KHARMAS 2024: इस साल खरमास 15 दिसंबर 2024 से शुरू होकर 14 जनवरी 2025 तक रहेगा। हिन्दू धर्म में खरमास एक महत्वपूर्ण समय होता है इस समय को विशेष रूप से शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं माना जाता। भारतीय ज्योतिष में कुल बारह राशियाँ मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ और मीन हैं। माना जाता है कि सूर्य प्रत्येक राशि में एक महीने रहते हैं, जिसे सौरमास कहते हैं। लेकिन जब सूर्य गुरु की राशियों यानी धनु और मीन में होते हैं, तो इसे खरमास कहा जाता है।
खरमास में सूर्य का प्रभाव कम हो जाता है, क्योंकि सूर्य का तेज मंद पड़ जाता है, जो गुरु ग्रह के प्रभाव के कारण होता है। इस समय सूर्य की स्थिति विशेष रूप से कमजोर होती है, जिससे किसी भी प्रकार के शुभ फल की प्राप्ति कम हो जाती है। यही कारण है कि शास्त्रों में इस समय को मांगलिक कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता। खरमास के दौरान सूर्य का प्रभाव भी इस हद तक कमजोर हो जाता है कि कोई भी नया काम, खासकर मांगलिक कार्य, शुरू करने से बचना चाहिए।
खरमास के पीछे एक और प्रचलित कथा है। कथा के अनुसार, सूर्य के रथ में घोड़े जुड़े रहते हैं, जो सूर्य का रथ खींचते हैं। कहा जाता है कि जब सूर्य गुरु ग्रह की राशि में प्रवेश करते हैं, तो इन घोड़ों की गति में कमी आ जाती है। क्योंकि इस समय सूर्य के रथ में घोड़े की जगह एक खर (गदहा) जुड़ा जाता है। ये खर या गदहा सूर्य के रथ को इसलिए खींचता है क्योंकि घोड़ा थककर आराम करता है और वह सूर्य के रथ को नहीं खींच पाता।
इस विशेष घटना के कारण, इस महीने को खरमास कहा जाता है। जैसा कि भारत में सूर्य को जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली ग्रह माना जाता है। हिंदू धर्म में सूर्य को बहुत महत्व दिया जाता है और समस्त शुभ और मांगलिक कार्यों का संपादन भी सूर्य की स्थिति के आधार पर ही किया जाता है। जब सूर्य अपनी सबसे ऊंची स्थिति में होते हैं, तो उनका प्रभाव शुभ होता है और इस दौरान किए गए कार्यों में सफलता की संभावना ज्यादा होती है। लेकिन खरमास के दौरान, तो उनके प्रभाव में भी कमी आ जाती है। इस समय सूर्य का तेज़ मंद पड़ जाता है और इसके कारण सूर्य से मिलने वाले शुभ फल भी प्रभावित होते हैं।
इसलिए कहा जाता है कि कि खरमास के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृहप्रवेश, नए व्यवसाय की शुरुआत, मुंडन या अन्य शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। जब सूर्य मंद होते हैं, तो इन कार्यों से मिलने वाले शुभ फल की संभावना कम हो जाती है। खरमास के दौरान बहु बेटियों की विदाई भी नहीं करनी चाहिए, और अगर कोई बहु या बेटी मायके में है, तो उसे ससुराल नहीं भेजना चाहिए और अगर वह ससुराल में है, तो उसे मायके नहीं भेजना चाहिए। करियर से जुड़ी कोई नई शुरुआत, जैसे नई नौकरी या नया व्यवसाय शुरू करना भी इस समय वर्जित है।
आज है चंपा षष्ठी, जानिए शिव के खंडोबा अवतार की कथा
देश दुनिया से जुड़ी हर खबर और जानकारी के लिए क्लिक करें-देवभूमि न्यूज
All Rights Reserved with Masterstroke Media Private Limited.