/ Nov 19, 2024
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DELHI AIR POLLUTION खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। मंगलवार सुबह कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के पार रिकॉर्ड किया गया, जबकि औसत AQI 494 रहा। यह इस सीजन का सबसे खराब स्तर है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने इस स्तर को “सीवियर+” श्रेणी में रखा है, जिसमें स्वस्थ व्यक्ति भी सांस लेने में दिक्कत महसूस कर सकता है और गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
प्रदूषण के कारण दिल्ली-NCR में पहले से ही 10वीं तक की कक्षाएं ऑनलाइन चल रही थीं। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सरकार को फटकार लगाते हुए 11वीं और 12वीं की कक्षाएं भी वर्चुअल करने का आदेश दिया। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के कॉलेजों की कक्षाएं भी चार दिनों के लिए ऑनलाइन मोड में चलेंगी। सोमवार को दृश्यता इतनी कम हो गई कि दिल्ली एयरपोर्ट पर 15 विमानों को दूसरे शहरों जैसे जयपुर, देहरादून और लखनऊ की ओर डायवर्ट करना पड़ा। ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित हुआ, और सुबह के समय दिल्ली आने वाली 50 से अधिक ट्रेनें घंटों देरी से पहुंचीं।
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) का चौथा चरण लागू कर दिया है। इस चरण के तहत निर्माण कार्यों पर रोक, वाहन प्रदूषण पर सख्ती और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने जैसे कदम उठाए गए हैं। बच्चों, बुजुर्गों, सांस और दिल के मरीजों को घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने स्टाफ के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि GRAP के तहत लगाए गए प्रतिबंध बिना कोर्ट की इजाजत के नहीं हटाए जाएंगे, चाहे AQI का स्तर 300 से नीचे ही क्यों न आ जाए।
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को लेकर सुनवाई
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