देहरादून (अरुण सैनी): आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार से उत्तराखंड की राजधानी के सबसे व्यस्ततम सरकारी अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज में मरीजों और तीमारदारों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, एक दिन बाद यानि कल 31 मार्च को इनकी नौकरी खत्म हो जाएगी। अपने सेवा विस्तार को लेकर कर्मचारी लगातार प्रदर्शन और धरना दे रहे हैं।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के दून अस्पताल में उपनल और पीआरडी के माध्यम से कोरोना काल में लगे करीब 610 कर्मचारियों को 31 मार्च तक सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया गया है। ऐसे में सेवा विस्तार की मांग को लेकर आउटसोर्सिंग कर्मचारी कार्य बहिष्कार पर हैं। बीते रोज ओपीडी के बी ब्लॉक परिसर में धरना दे रहे कर्मचारियों को आज मजबूरन परिसर के बाहर धरना देने के लिए बाध्य होना पड़ा है। ओपीडी के परिसर में अस्पताल प्रबंधन की ओर से कुर्सियां लगाने के बाद आंदोलनरत कर्मचारियों को परिसर के बाहर धरना देना पड़ रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उन्हें सेवा विस्तार नहीं मिलता है तब तक उनका धरना जारी रहेगा।
कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार से ब्लड कलेक्शन सेंटर से लेकर पंजीकरण कराने तक के लिए मरीजों को काफी दिक्कतें आ रही है। दून अस्पताल में तैनात 600 से अधिक कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार पर जाने से मरीजों और उनके तीमारदारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा। आउटसोर्स पर रखे गए वार्डबॉय भी इस कार्य बहिष्कार में शामिल हैं। ऐसे में तीमारदारों को खुद व्हील चेयर पर इधर उधर ले जाना पड़ रहा है। इसके अलावा अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में खून की जांच समेत तमाम जांच कराने में भी मरीजों को दिक्कतें आ रही है। क्योंकि कार्य बहिष्कार में अधिकतर लैब टेक्नीशियन भी शामिल हैं। आंदोलनरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना काल में उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए ड्यूटी की थी, लेकिन अब अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें सेवा समाप्ति का नोटिस थमा दिया है। सभी कर्मचारियों ने एक स्वर में मांग करते हुए कहा कि उनका सेवा विस्तार किया जाए ताकि उन्हें बार-बार धरना देने के लिए बाध्य न होना पड़े।