CJM कोर्ट ने खारिज की 5 साल पुरानी FR, IPS खुराना और रिटायर्ड इंस्पेक्टर की फिर बढ़ी मुश्किलें

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हरिद्वार/देहरादून, ब्यूरो। हरिद्वार की फैक्ट्री में वर्ष 2012 में 12 कर्मचारियों के जिंदा जलने के मामले का जिन्न फिर से बाहर आ गया है। एक मृतक कर्मचारी के पिता की शिकायत के बाद पुलिस की ओर से पेश की गई फाइनल रिपोर्ट को नकार दिया है। इस संवेदनशील मामले में कंपनी संचालकों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया था। इस केस के निरीक्षक (इंस्पेक्टर) मुनीकीरेती कोतवाली राजीव डंडरियाल और तत्कालीन डीआईजी गढ़वाल और एसएसपी देहरादून रहे आईपीएस केवल खुराना की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ गई हैं। कोर्ट ने पुलिस की एफआर को खारिज करने के साथ ही लोकसेवक के पदों पर तैनात इन पुलिस अफसरों पर पद का दुरुपयोग कर आरोपियों को लाभ पहुंचाने के संगीन और संवेदनशील आरोप लगाए जा रह हैं। ऐसे में कोर्ट ने इस मामले की फिर से जांच करने के आदेश दिए हैं और तीन माह के अंदर जांच पूरी करने का भी कड़क आर्डर जारी किया है।

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अग्निकांड का जिन्न फिर बाहर: IPS खुराना, इंस्पेक्टर राजीव और ONIDA की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने दिए ये आदेश

ओनिडा कंपनी अग्निकांड में 12 लोगों के जिंदा जलने की 10 साल बार फिर हो रही जांच

दरअसल, यह संवेदनशील मामला वर्ष 2012 का है। हरिद्वार के मंगलौर में ओनिडा कंपनी में भीषण आग लने के बाद 12 कर्मचारी जिंदा दफन हो गए थे। मृतकों में इनमें से एक कर्मचारी अभिषेक राणा के पिता रविंद्र कुमार ने सीजेएम कोर्ट हरिद्वार में लोकसेवक के पद के दुरुपयोग कर आरोपियों को लाभ पहुंचाने के संबंध में शिकायत की। सीजेएम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए 2017 में मामले में लगाई फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगा दी। सीजेएम कोर्ट हरिद्वार ने इसका संज्ञान लेते हुए फाइनल रिपोर्ट को निरस्त कर फिर से जांच के आदेश दिए हैं। मृतक ओनिडा कर्मचारी अभिषेक राणा के पिता रविंद्र कुमार ने निरीक्षक मुनीकीरेती कोतवाली रहे राजीव डंडरियाल और तत्कालीन डीआईजी गढ़वाल और एसएसपी के पद पर तैनात रहे आईपीएस केवल खुराना पर लोकसेवक के पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। अब देखना होगा कि दस साल पुराने इस मामले में आईपीएस केवल खुराना और रिटायर्ड इंस्पेक्टर मुनिकीरेती कोतवाली राजीव डंडरियाल के साथ ही ओनिडा कंपनी पर इस मामले में क्या कार्रवाई होती है। वहीं, इस संवेदनशील मामले में एसएसपी व डीआईजी हरिद्वार डाॅ. योगेंद्र सिंह का कहना है कि कोर्ट के जो आदेश मिले हैं, उनका पालन कराया जाएगा। जल्द ही मामले की जांच के लिए टीम गठित की जाएगी।