यहां युवाओं के हाथ में सत्ता की चाबी, सरकारें लुभाने में जुटीं…

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देहरादून/दिल्ली, ब्यूरो। देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में हर विधानसभा चुनाव में युवाओं की भूमिका अहम रही है। इसके साथ ही पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड में भी युवा वोटर सबसे ज्यादा हैं और अहम भी। ये वही युवा है जो किसी भी पार्टी को हार का मुंह दिखा दें। पिछले विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो यूथ सबसे इंपोरटेंट रहें हैं। बात चाहे 2002 की हो, 2007 की हो, 2012 की या फिर 2017 की और या फिर आने वाले इस विधानसभा चुनाव 2022 की।

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युवा वोटर हर सरकार की धुरी की तरह हैं। उत्तर प्रदेश में जहां युवाओं से केंद्रित तमाम योजनाएं बनाई जा रही हैं, वहीं उत्तराखंड में युवाओं को नौकरी में आवेदन शुल्क की मामूली छूट से लेकर टैबलेट देने और युवतियों को तमाम योजनाओं का समाज कल्याण विभाग से लाभ देना हो। कहीं न कहीं अगर सरकारों ने युवाओं की अनदेखी की तो विधानसभा चुनाव में उसका परिणाम अवश्व भुगतना होगा। पिछले पांच वर्षों की बात करें तो उत्तराखंड में युवाओं ने तमाम रोजगार और महंगाई के लिए धरने प्रदर्शन किए हैं।

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वहीं, देश के सबसे बड़े राज्य यूपी की करें तो सरकार की गद्दी की चाबी भी इस बार युवाओं की मुट्ठी में बंद है। 18 से 30 साल के यूपी में 26 प्रतिशत वोटर बताए जा रहे हैं।

ये युवाओं की वह उम्र है जब वह डिसीजन लेने की समझ रखते हैं। वह डरते नहीं हैं कि फैसला गलत होगा या सही। इसलिए जिसके साथ होते हैं, पूरी तरह होते हैं और जिसके नहीं होते बिल्कुल नहीं। ऐसे में देश के सबसे बड़े राज्य यूपी की चारों प्रमुख पार्टियों की आजकल धुकधुकी बढ़ी है। वह रोज यूथ के लिए नई घोषणाएं कर रही हैं।

चाहे बात इससे पहले सत्ता में रहे अखिलेश यादव की हो या फिर उससे पहले राज्य कर चुकी मायावती या फिर वर्तमान में पांच साल तक सत्ता में बिता चुके योगी आदित्यनाथ की। या फिर हम बात करें यूपी से अलग हुए छोटे से पहाड़ी राज्य उत्तराखंड की। हर राज्य की सत्ता की चाबी युवाओं की मुट्ठी में है। सभी पार्टी के मुखिया और नेता युवाओं को लुभाने के लिए तमाम तरह की घोषणाएं और हरे सब्जबाग दिखा रहे हैं। युवाओं को भी अच्छी तरह समझ आ रहा होगा कि कौन नेता और कौन सी पार्टी उनका भविष्य संवार सकती है या फिर किसे मतदान कर उनका भविष्य संवरेगा। इस चुनावी पर्व के परिणाम एक माह बाद सबके समझ होंगे। अब देखना होगा कि युवा मतदाता किसे सर आखों पर बिठाते हैं और किसे फर्श पर पटखनी देते हैं।