/ Sep 27, 2025
All rights reserved with Masterstroke Media Private Limited.
WORLD TOURISM DAY 2025: विश्व पर्यटन दिवस हर साल 27 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) ने वर्ष 1980 में शुरू किया था, जिसका उद्देश्य पर्यटन के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक महत्व को सामने लाना है। इस साल की थीम है “Tourism and Peace”, जो इस बात पर जोर देती है कि पर्यटन केवल आर्थिक लाभ का साधन ही नहीं, बल्कि शांति, भाईचारे और सांस्कृतिक संवाद का जरिया भी है।
भारत में पर्यटन का महत्व बेहद खास है क्योंकि यहां हिमालय की बर्फीली चोटियों से लेकर दक्षिण की तटीय सुंदरता, पश्चिम के रेगिस्तानी नज़ारे और पूर्वोत्तर की हरियाली हर क्षेत्र का अपना आकर्षण है। खासकर उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है, जहाँ धार्मिक यात्रा और रोमांचक साहसिक पर्यटन दोनों की अपार संभावनाएँ हैं। उत्तराखंड सरकार ने भी राज्य के तीन अनछुए ट्रेक चिनाप घाटी (चमोली), गुलाबी कांठा (उत्तरकाशी) और बनकटिया बेस कैंप (पिथौरागढ़) को “ट्रेक ऑफ द ईयर 2025” घोषित किया गया है। इनका उद्देश्य सिर्फ नए स्थानों को लोकप्रिय बनाना और पर्यटन को बढ़ावा देना है।
पहला ट्रेक चिनाप घाटी में है, जो गढ़वाल मंडल के चमोली जिले में स्थित है और जोशीमठ के पास आता है। यह ट्रेक आमतौर पर थैंग गाँव से शुरू होता है। रास्ते में बांज, बुरांश, देवदार और उच्च ऊँचाई पर भोजपत्र के पेड़ पाए जाते हैं। यहाँ हिमालयी लंगूर, कस्तूरी मृग और मोनाल जैसे पक्षियों का भी अनुभव किया जा सकता है। ट्रेक लगभग 4-5 दिन का मध्यम कठिनाई वाला है। चिनाप घाटी से नंदा देवी, नंदा घुंघटी, द्रोणागिरी और हाथी-घोड़ा पर्वत जैसी चोटियों का मनमोहक दृश्य दिखाई देता है। इस ट्रेक तक पहुँचने के लिए सबसे पहले ऋषिकेश से 247 किमी दूर जोशीमठ आना होता है।
दूसरा ट्रेक उत्तरकाशी जिले का गुलाबी कांठा है, जो हनुमान चट्टी से शुरू होता है। यह ट्रेक लगभग 3800 मीटर की ऊँचाई पर है और 3-4 दिन में पूरा होता है। गुलाबी कांठा नाम इसलिए है, क्योंकि बसंत के मौसम में बुरांश के फूलों से जंगल गुलाबी रंग में रंग जाता है। चोटी पर पहुँचने पर चारों तरफ 360-डिग्री का हिमालयी दृश्य दिखाई देता है, जिसमें बंदरपूँछ, स्वर्गारोहिणी, श्रीकंठ और यमुनोत्री की चोटियाँ शामिल हैं। यह ट्रेक न केवल वसंत के फूलों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण स्नो-ट्रेकिंग के लिए भी आदर्श है। इस ट्रेक तक पहुँचने के लिए सबसे पहले ऋषिकेश से 224 किमी दूर हनुमान चट्टी आना होता है।
तीसरा ट्रेक कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी क्षेत्र का बनकटिया बेस कैंप है। मुनस्यारी को ‘छोटा कश्मीर’ कहा जाता है और यह जोहार घाटी का प्रवेश द्वार है। बनकटिया ट्रेक शंखधुरा से शुरू होकर लगभग 3400 मीटर की ऊँचाई पर स्थित बुग्याल में समाप्त होता है। यह 2-3 दिन का आसान से मध्यम कठिनाई वाला ट्रेक है, जिसे परिवार और बच्चे भी आसानी से कर सकते हैं। यहाँ से पंचाचूली की पाँचों चोटियाँ, नंदा देवी, नंदा कोट और राजरंभा जैसी चोटियाँ दिखाई देती हैं। यहाँ जाने के लिए काठगोदाम से शंखधुरा के लिए टैक्सी या अन्य वाहन से जा सकते हैं।
आज के दौर में पर्यटन को “शांति और विकास का सेतु” कहा जाता है। यह दुनिया के सबसे बड़े उद्योगों में से एक है, जो करोड़ों लोगों को रोजगार देता है। पर्यटन किसी भी देश की जीडीपी में अहम योगदान करता है और साथ ही स्थानीय लोगों को आय का साधन भी प्रदान करता है। इसके अलावा पर्यटन सांस्कृतिक धरोहरों और प्राकृतिक सौंदर्य को दुनिया तक पहुंचाने का काम करता है। WORLD TOURISM DAY 2025 इस बात की भी याद दिलाता है कि पर्यटन को सतत और जिम्मेदार तरीके से बढ़ावा देना जरूरी है। इसलिए जरूरी है कि पर्यटकों और सरकार दोनों मिलकर प्राकृतिक संसाधनों और सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा करें।
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस 2025: युवाओं की शक्ति और योगदान को समर्पित
देश दुनिया से जुड़ी हर खबर और जानकारी के लिए क्लिक करें-देवभूमि न्यूज
All Rights Reserved with Masterstroke Media Private Limited.