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उत्तराखंड में होगा विलुप्त हो रहे गिद्धों पर अध्ययन, सेटेलाइट टैग लगाए जाएंगे 

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VULTURE SATELLITE TAG STUDY

UTTARAKHAND DEVBHOOMI DESK:उत्तराखंड में राजाजी और कार्बेट टाइगर रिजर्व में अब गिद्धों की चार प्रजातियों के दो-दो पक्षियों पर VULTURE SATELLITE TAG STUDY  होने जा रही है। शिकारी प्रजाति के इन गिद्धों पर अध्ययन के लिए सेटेलाइट टैग लगाने के प्रस्ताव को केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है।

बता दें कि ये पक्षी शिकारी श्रेणी में आते हैं और फिलहाल ये प्रजातियाँ  विलुप्त होने के कगार पर है। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) ने इन्हें लुप्तप्राय पक्षियों की श्रेणी में रखा है।

VULTURE SATELLITE TAG STUDY के लिए उत्तराखंड वन विभाग की ओर से हाल में इसका प्रस्ताव केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेजा गया था। अब मंत्रालय के डीआईजी राकेश कुमार की ओर से इसकी सशर्त अनुमति दे दी गई है।

VULTURE SATELLITE TAG STUDY

VULTURE SATELLITE TAG STUDY में ये प्रजातियाँ शामिल होंगी

इस प्रोजेक्ट के तहत दोनों रिजर्व में लाल सिर गिद्ध (रेड हेडेड वल्चर), सफेद पूंछ वाला गिद्ध (व्हाइट रम्प्ड वल्चर), सफेद गिद्ध (इजिप्सिन वल्चर) और प्लास फिश प्रजाति के दो-दो पक्षियों यानि कुल मिलाकर 8 पक्षियों पर सेटेलाइट टैग लगाने की अनुमति दी गई है।

इस कार्य की निगरानी दोनों रिजर्व के उच्च अधिकारियों द्वारा की जाएगी। इसके अलावा हर तिमाही में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक द्वाराइन पक्षियों से संबंधित अध्ययन की रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी जाएगी।

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