यूक्रेन में हमलों की बौछार करने वाले पुतिन का जन्म कभी खुद था संकट में, जानिए ऐसा क्यों कहा जा रहा है?

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नई दिल्ली, ब्यूरो। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमला करके 2015 के अपने बयान को सच साबित किया। पुतिन ने 2015 में एक बयान देते हुए कहा था, “आज से 50 साल पहले लेनिनग्राद की सड़कों की मार-पिटाई ने

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मुझे यह सिखाया कि जब लड़ाई होनी तय है, तो पहला पंच खुद मारो” इसका मतलब साफ है कि वो अपना ये बयान वर्तमान में यूक्रेन के मुद्दे पर भी अपना रहे हैं।  

व्लादिमीर पुतिन की बायोग्राफी में बताया गया है कि उनका शुरुआती जीवन बहुत ही साधारण तरीके से गुजरा है। पुतिन एक गरीब परिवार से तालुक रखते थे और इनसे बड़े इनके दो भाई भी थे जिनकी बाल अवस्था में ही मृत्यु हो गई थी। अपनी बायोग्राफी में पुतिन ने बताया है कि कैसे वह अपने घर में आ रहे चूहों की भरमार को खदेड़ने में लगे रहते थे। सितंबर 1960 से पुतिन ने अपने घर के पास के ही एक स्कूल से पढ़ाई शुरू की और अपने स्कूली दौर में पुतिन ने यह तय कर लिया था कि उन्हें बड़े होकर जासूस बनना है। इसके बाद उन्होंने सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। 1975 में पढाई पूरी करते ही वो सोवियत संघ की खुफिया एजेंसी केजीबी में भर्ती हो गए और फिर 1980 के दशक में उन्हें जर्मनी के ड्रेसडेन में एजेंट के तौर पर तैनात किया गया.

पुतिन के जन्म पर क्यों मंडरा रहा था खतरा?

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व्लादिमीर पुतिन के जन्म से जुड़ा एक बहुत ही रोचक किस्सा मश्हूर है। 7 अक्टूबर 1952 को व्लादिमीरोविच पुतिन और मारिया इवानोवना के घर जन्में व्लादिमीर पुतिन का जन्म सोवियत संघ के लेनिनग्राड में हुआ था। बताया जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, रूस का एक जवान जब लड़ाई से अपने घर लौटता है तो देखता है कि उसके घर के पास जहां उसकी बीवी और कुछ पड़ोसी रहा करते थे वहां पर कई सारी लाशें रखीं हैं और उन लाशों को ट्रक में डालकर दफनाने के लिए लेकर जाया जा रहा है। ये देखकर वो पास जाता है और देखता है कि एक औरत की लाश वहां पर रखी है जिसके पैर में उसकी बीवी का जूता दिखाई दे रहा था। ये देखकर वो पास जाता है और देखता है कि वो लाश उसकी बीवी की है और उन लोगों से अपनी बीवी की लाश वापिस मांगता है। काफी बहस होने के बाद वो अपनी बीवी की लाश वापिस ले लेता है और देखता है कि उसकी बीवी जिंदा है। जिसके बाद वो तुरंत अपनी बीवी को अस्पताल लेकर जाता है। वो औरत जिसकी जान उसका पति बचाता है वो व्लादिमीर पुतिन की मां थी और 8 साल बाद 1952 में व्लादिमीरोविच पुतिन और मारिया इवानोवना के घर में व्लादिमीर पुतिन का जन्म हुआ।

इस वाक्य को सुनने के बाद ये कहना गलत नहीं होगा कि एक शक्तिशाली शख्स व्लादिमीर पुतिन को रूस की कामान संभालने के लिए भी नियती ने रूस का साथ दिया और पुतिन के जन्म से 8 साल पहले उनकी मां की जान बच गई।        

व्लादीमिर पुतिन उस शख्स के रूप में जाने जानें लगे जिनकी राह में आड़े आने वालों को निपटाने से वे नहीं चूकते। जहां से विद्रोह की चिंगारी सुलगती दिखी उसे वह उसी समय तबाह कर देते हैं। 2014 में यूक्रेन को भी रूस ने दंश दिया था, जब पूरे विश्व के विरोध के बावजूद पुतिन ने फौजी कार्रवाई से क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था और अब वे अमेरिका की आंखों में आंखें डालकर भी उसे धमकाने से नहीं चूकते हैं।

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अब पुतिन की ताकत इसी से आंकी जा सकती है कि रूस की जनता पुतिन को सुपरमैन मानते हैं। इस इमेज की वजह से रूसी लोगों को लगता है कि उनका नेता अमेरिका और नाटो को चुनौती देता है, तो वो कितना शक्तिशाली होगा।

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