/ Dec 26, 2025
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VEER BAL DIWAS: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित लोक भवन में वीर बाल दिवस के पावन अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। वीर बाल दिवस के इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में सिख समुदाय के तमाम गणमान्य लोगों ने बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और साहिबजादों की शहादत को नमन किया। कार्यक्रम का माहौल पूरी तरह से श्रद्धा और भक्ति से सराबोर रहा, जहां हर किसी ने गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों के अदम्य साहस और बलिदान को याद किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने अपने विचारों को बहुत ही भावुक और ओजस्वी तरीके से रखा। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहब और उनके पूरे परिवार ने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए जो बलिदान दिया है, वह न केवल सिख समुदाय के लिए बल्कि हम सभी देशवासियों के लिए एक मिसाल है। राज्यपाल ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि इतिहास में ऐसे उदाहरण विरले ही मिलते हैं जहां छोटे-छोटे बच्चों ने धर्म और सत्य के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी हो। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि चार साहिबजादों की शहादत हमें एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण संदेश देती है।

इस विशेष अवसर पर राज्यपाल गुरमीत सिंह ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने अपने संबोधन में याद दिलाया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही पहल थी, जिन्होंने वर्ष 2022 में 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने की ऐतिहासिक घोषणा की थी। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री की इस घोषणा के कारण ही आज पूरा सिख समुदाय और पूरा भारतवर्ष 26 दिसंबर की तारीख को साहिबजादों की शहादत के रूप में मना रहा है। इस पहल ने देश के युवाओं और बच्चों को साहिबजादों के त्याग और बलिदान से परिचित कराने का एक बड़ा मंच प्रदान किया है, जिससे आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा ले सकेंगी।

लोक भवन में आयोजित इस गरिमामयी कार्यक्रम के दौरान साहित्य और इतिहास को भी संजोने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम के एक अहम हिस्से के रूप में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने सिख समुदाय और उनके इतिहास से जुड़ी तीन महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन किया। इन पुस्तकों के माध्यम से सिख इतिहास, परंपराओं और बलिदानों की गाथा को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है। विमोचन के दौरान राज्यपाल ने उम्मीद जताई कि ये पुस्तकें पाठकों को सिख धर्म के गौरवशाली इतिहास और मानवीय मूल्यों से अवगत कराने में सहायक सिद्ध होंगी। कार्यक्रम में मौजूद सिख समुदाय के लोगों ने भी इन पुस्तकों के विमोचन पर खुशी जाहिर की।

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