Home उत्तरकाशी वाह री सरकार…गोल्डन कार्ड अमान्य, थमा दी डेड बाॅडी समेत 7 लाख...

वाह री सरकार…गोल्डन कार्ड अमान्य, थमा दी डेड बाॅडी समेत 7 लाख का बिल

0

गोल्डन कार्ड ही बता दिया अमान्य, एक माह पहले कर्मचारी की हुई थी शादी

उत्तरकाशी (विनीत): सरकारी कर्मचारियों के इलाज में गोल्डन कार्ड को लेकर जहां भाजपा सरकार बड़ी-बड़ी बातें कर रही है, वहीं उत्तरकाशी जनपद का एक सरकारी कर्मचारी को गोल्डन कार्ड कार्ड से एक भी रुपये की सहायता नहीं मिली साथ ही उसे निजी अस्पताल ने 7 लाख का बिल भी थमा दिया। इस कर्मचारी की एक माह पहले शादी हुई थी। इससे घर-गांव और इलाके में शोक की लहर है। भगवान ने सब कुछ दिया लेकिन एक पल में सारी खुशियां हादसे के बाद सही और वक्त पर इलाज न मिलने के कारण छीन लिया है। अब एक ओर जहां उपचार के सात लाख रुपये चुकाने का दबाव बनाया जा रहा है वहीं इससे पूरे परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है।

गौरतलब है कि उत्तरकाशी जनपद में 15 जनवरी को चुनाव बैठक में जा रहे सहायक विकास अधिकारी सुधीर उनियाल सड़क हादसे में घायल हो गए थे। गोल्डन कार्ड होने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने कार्ड को अमान्य बताकर 7 लाख का बिल थमा दिया। एक सप्ताह तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष के बाद 24 जनवरी को उनकी मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार सुधीर उनियाल पुत्र रमेश प्रसाद उनियाल हाल निवास नगर पालिका बड़कोट यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित भी हैं।

सुधीर उनियाल उत्तराखंड उद्यान विभाग में सहायक विकास अधिकारी थे। 15 जनवरी को अपनी पोस्टिंग जरमोल धार से सुधीर एक दो पहिया वाहन से लिफ्ट लेकर चुनाव बैठक में शामिल होने के लिए जा रहे थे। जरमोल से करीब 10 किमी आगे डैरिका में एक निजी वाहन ने उनकी बाइक को टक्कर मारकर फरार हो गया। हादसे में सुधीर उनियाल को गम्भीर चोटें और बाइक सवार विवेक रावत ग्राम खलाड़ी को मामूली चोटें आई। राज्य के गोल्डन कार्डधारकों को मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाती है, लेकिन सुधीर उनियाल के मामले में अस्पताल ने गोल्डन कार्ड को ही अमान्य बता दिया। एक सप्ताह तक चले उपचार में परिवार का 6-7 लाख का खर्चा हुआ। परिजनों का कहना है कि शासन और प्रशासन भी राजनीतिक दबाव के कारण इस मामले की कोई सुध नहीं ले रहा है तथा अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

YOU MAY ALSO LIKE

परिवार का आरोप है कि यदि उनके बेटे को समय पर सहायता मिलती तो उनको यह बुरा दिन नहीं देखना पड़ता। मोरी दौरे में जा रही डीजीपी उत्तराखंड की गाड़ी उस जगह से गुजरी तो उन्होंने पुलिस के जवानों को दोनों घायल व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाने के निर्देश दिए। सुधीर की गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने देहरादून सीएमआई अस्पताल रेफर कर दिया। जहां 7 दिनों तक जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष करते हुए 24 जनवरी को सुधीर उनियाल ने आखिरी सांस ली। एक माह पूर्व सुधीर का विवाह हुआ था। इस घटना से पूरा परिवार शोक में और स्तब्ध है।

Follow us on our Facebook Page Here and Don’t forget to subscribe to our Youtube channel Here

Exit mobile version