/ Aug 08, 2025
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UTTARKASHI DISASTER RESCUE: धराली-हर्षिल क्षेत्र में हाल की भारी वर्षा और भूस्खलन के चलते आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं। SDRF, उत्तराखण्ड पुलिस स्थानीय प्रशासन, आईटीबीपी, वायुसेना, एनडीआरएफ एवं अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर युद्धस्तर पर राहत अभियान चला रही है। आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव विनोद सुमन के अनुसार, बुधवार दोपहर एक बजे तक 274 यात्रियों को गंगोत्री व अन्य क्षेत्रों से हर्षिल लाया गया। इसके अलावा, 135 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है, जिनमें से 100 उत्तरकाशी और 35 देहरादून भेजे गए।
आपदा प्रभावित इलाकों से लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से धराली-हर्षिल से आईटीबीपी मातली शिविर एवं जॉलीग्रांट (देहरादून) हेलीपैड तक पहुंचाया जा रहा है। चिनूक और एमआई-17 जैसे शक्तिशाली एयरलिफ्टिंग संसाधनों का उपयोग करके फंसे हुए लोगों तक न केवल पहुंच बनाई गई है, बल्कि अब जरूरी मशीनें भी पहुंचाई जा रही हैं। चिनूक हेलीकॉप्टर के माध्यम से जनरेटर भी प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है, ताकि स्थानीय जरूरतों को पूरा किया जा सके और राहत कार्यों में तेजी लाई जा सके।
फंसे हुए लोगों के लिए हेलीकॉप्टरों के माध्यम से राहत सामग्री, दवाइयां, खाद्यान्न और पेयजल की आपूर्ति की जा रही है, जिससे कोई भी व्यक्ति बुनियादी सुविधाओं से वंचित न रहे। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग को फिर से सुचारु करने का कार्य भी युद्धस्तर पर जारी है। पापड़गाड़ (भटवाड़ी) के पास भू-धंसाव से 200–250 मीटर तक जो हिस्सा वॉशआउट हुआ था, उसे अब ठीक कर लिया गया है। हालांकि, गंगनानी (लिम्चा गाड़) के समीप पुल बह जाने से मार्ग अब भी अवरुद्ध है और उसे बहाल करने का काम तेजी से किया जा रहा है।
इस बीच धराली रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा हेतु एक उच्च स्तरीय बैठक भी आयोजित की गई है, जिसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) की अगुवाई में आर्मी, एयरफोर्स, आईटीबीपी, बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO), मौसम विज्ञान विभाग और एनडीआरएफ के अधिकारी दिल्ली से ऑनलाइन माध्यम से जुड़े हैं। इस बैठक में राहत कार्यों की स्थिति, आगे की रणनीति और मौसम की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की जा रही है।
राज्य के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बुधवार को राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने सेना और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा कर रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज़ करने और प्राथमिकता के आधार पर बुजुर्ग, बीमार और महिलाओं को पहले निकालने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने सड़कों को जल्द बहाल करने, मातली को रेस्क्यू अभियान के लिए रणनीतिक केंद्र घोषित करने और सभी अधिकारियों को 24×7 अलर्ट पर रहने के भी निर्देश दिये।
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