/ Dec 19, 2025
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UTTARAKHAND NHAI PROJECTS REVIEW: उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने आज सचिवालय में राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) की नई और चल रही परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की, जिसमें उनका रुख काफी सख्त नजर आया। प्रदेश में सड़कों के निर्माण में हो रही लेटलतीफी और फाइलों को लटकाने की प्रवृत्ति पर मुख्य सचिव ने न केवल गहरी नाराजगी जताई बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए। उन्होंने साफ कर दिया कि विकास कार्यों में लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने पाया कि वर्ष 2022-23 में स्वीकृत पिथौरागढ़-बागेश्वर एनएच 309-ए के निर्माण का प्रस्ताव अब तक भारत सरकार को भेजा ही नहीं गया है। इस लापरवाही पर उन्होंने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए जिम्मेदारी तय करने और दोषी अधिकारियों को ‘प्रतिकूल प्रविष्टि’ (Adverse Entry) देने के निर्देश दिए। इतना ही नहीं, मार्च 2024 में स्वीकृत काठगोदाम-नैनीताल एनएच निर्माण के लिए वन और वन्यजीव स्वीकृतियों का डेटा अपलोड करने में हुई देरी को भी उन्होंने गंभीरता से लिया। इस मामले में उन्होंने अधिशासी अभियंता को ‘विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि’ देने का आदेश दिया है, जो अधिकारियों के करियर रिकॉर्ड के लिए एक बड़ा धब्बा माना जाता है।

मुख्य सचिव ने सड़कों के निर्माण में आ रही वन विभाग से जुड़ी बाधाओं को दूर करने के लिए डेडलाइन तय कर दी है। उन्होंने विभिन्न सड़कों के निर्माण के लिए पेड़ों के छपान और कटान की कार्रवाई में हो रही देरी पर नाराजगी जताते हुए निर्देश दिए कि 31 दिसंबर तक हर हाल में यह कार्रवाई शुरू हो जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क बनाए रखें और नियमित रूप से प्रोजेक्ट्स का फॉलोअप लें। उन्होंने जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में पेंडिंग प्रोजेक्ट्स की समीक्षा बैठकें नियमित रूप से आयोजित करने और 3(G) व 3(D) जैसी भूमि अधिग्रहण प्रक्रियाओं में तेजी लाने को कहा।

बैठक में मुख्य सचिव ने राज्य के बड़े और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स की प्रगति रिपोर्ट भी ली। उन्होंने एनएचएआई के कोटद्वार बाईपास, झाझरा-आशारोड़ी, हरिद्वार-नजीबाबाद और बहुप्रतीक्षित देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस-वे की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी प्रोजेक्ट्स में तेजी लाई जाए और उन्हें निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए। उनका कहना था कि सभी विभाग अपनी समस्याओं और मुद्दों को प्रमुखता से सामने रखें ताकि उनका समाधान हो सके। बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय और पीसीसीएफ एस.पी. सुबुद्धि सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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