/ Nov 25, 2025
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UTTARAKHAND LABOR WELFARE: उत्तराखंड सरकार ने मनरेगा श्रमिकों के लिए एक बड़ी पहल करते हुए आज उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में उनके पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैम्प कार्यालय में इस योजना का औपचारिक शुभारंभ किया। सरकार का कहना है कि इसका उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि पंजीकरण शुरू होने से मनरेगा श्रमिकों को बोर्ड की सभी कल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल सकेगा।

इनमें स्वास्थ्य सहायता, बच्चों की शिक्षा, बेटियों के विवाह में आर्थिक मदद और आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में सहायता राशि जैसी सुविधाएं शामिल हैं। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से राज्य सरकार समाज के वंचित वर्ग को मजबूत बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड में मनरेगा के तहत 16.3 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं, जिनमें से 9.5 लाख श्रमिक सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। वर्ष में न्यूनतम 90 दिन काम करने वाले सभी श्रमिक अब भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड की कल्याण योजनाओं के पात्र होंगे। फिलहाल बोर्ड में पंजीकृत श्रमिकों की संख्या 5.35 लाख है, जो इस नई पहल के बाद और बढ़ने की उम्मीद है।

खनन क्षेत्र में पारदर्शिता से बढ़ा राजस्व
मुख्यमंत्री ने खनन क्षेत्र में किए गए सुधारों का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले खनन क्षेत्र को लेकर नकारात्मक धारणा बन चुकी थी, लेकिन सरकारी पारदर्शिता और निगरानी से यह धारणा टूटी है। उन्होंने बताया कि जहां पहले खनन से केवल ₹400 करोड़ का राजस्व मिलता था, वहीं अब यह बढ़कर ₹1200 करोड़ तक पहुंच गया है। श्रम विभाग और ग्राम्य विकास विभाग के संयुक्त प्रयास से मनरेगा श्रमिकों का पंजीकरण ऑनलाइन पोर्टल पर किया जा रहा है। अब विकासखंड स्तर पर भी श्रमिकों का ऑनलाइन पंजीकरण संभव होगा।

श्रमायुक्त पीसी दुम्का ने कहा कि मनरेगा श्रमिक अब बोर्ड में पंजीकृत अन्य श्रमिकों की तरह सभी कल्याण योजनाओं के हकदार होंगे। कार्यक्रम के दौरान आयुक्त ग्राम्य विकास अनुराधा पाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। अधिकारियों ने कहा कि यह पहल राज्य के लाखों श्रमिकों की जीवन गुणवत्ता में सुधार लाने वाला एक बड़ा कदम साबित होगी। उत्तराखंड सरकार का यह कदम न केवल मनरेगा श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा से जोड़ने वाला है, बल्कि श्रम प्रबंधन और प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण सुधार के रूप में देखा जा रहा है।

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