उत्तराखण्ड साइबर क्राईम पुलिस को एक और बड़ी सफलता लगी हाथ

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देहरादून (संवाददाता- अमित रतूड़ी): उत्तराखण्ड स्पेशल टास्क फोर्स और साइबर पुलिस द्वारा धोखाधड़ी के मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में

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बैंक कस्टमर केयर अधिकारी बन 15 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के 02 सदस्यों को गुजरात से गिरफ्तार किया गया।

वर्तमान में साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है। इसी परिपेक्ष्य में ठगों द्वारा विभिन्न  ऑनलाईन सर्च इंजन पर फर्जी मोबाइल नम्बर डालकर कर आम जनता से ई-मेल व दूरभाष के माध्यम से सम्पर्क कर फर्जी वैबसाइट के माध्यम से ऑनलाईन सामान बेचने के नाम पर करोड़ो रुपये की धोखाधडी की जा रही है।

इसी क्रम में एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ था जिसमें श्रीमति अन्जू केन पत्नि बृजेश केन निवासी लेन नं0 13 एकता विहार सहस्त्रधारा रोड देहरादून के साथ इसी प्रकार की घटना घटित हुई जिसमें अज्ञात व्यक्ति द्वारा पीएनबी कस्टमर केयर अधिकारी बताकर शिकायतकर्ता को ऑनलाईन लिंक भेजकर बैंक खाते से लगभग 15 लाख रुपये की धोखाधडी किये जाने की शिकायत के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु0अ0सं0 34/21 धारा 420 भादवि व 66 डी आईटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक श्री पंकज पोखरियाल के सुपुर्द कर विवेचक के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया।

पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से अभियुक्तों द्वारा वादी मुकदमा से धोखाधडी से प्राप्त की गयी धनराशि के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी तो अभियुक्तो द्वारा उक्त धनराशि  गुजरात, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, दिल्ली आदि स्थानों में आहरित होना प्रकाश में आया। अभियुक्तों द्वारा फर्जी आईडी कार्ड के आधार पर मोबाईल नम्बरों का प्रयोग कर अपराध कारित किया गया। प्रकरण में अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु निरीक्षक श्री पंकज पोखरियाल के नेतृत्व में टीम गठित कर गुजरात, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, दिल्ली आदि राज्यों हेतु रवाना की गयी थी। जिनके द्वारा उक्त धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के 02 सदस्यों, ठाकुर जी शैलेश जी पुत्र चमनजी निवासी रुगनाथपुर, हारिज, पाटन गुजरात व ठाकुर दयमाजी उर्फ दयाजी पुत्र बाबूजी निवासी बड़गाम जनपद पालमपुर गुजरात को हारिज, पाटन गुजरात राज्य से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तों का स्थानीय न्यायालय से ट्रांजिट रिमाण्ड प्राप्त कर उत्तराखण्ड लाया जा रहा है।

अभियुक्तगणों से पूछताछ में यह तथ्य प्रकाश में आये कि गिरफ्तारशुदा अभियुक्तों में से 01 अभियुक्त खाते खुलवाकर आगे गिरोह के अन्य सदस्यों को भेजता था जिसके वह 2000 रुपये लेता था तथा OTP बताने के 500 से 1000/- रुपये प्राप्त करता था। इसके अतिरिक्त दूसरा अन्य अभियुक्त खाताधारक है जिसे भी खाते मे हुये लेनदेन का कमीशन प्राप्त होता था। अभियुक्तगणों से 02 मोबाइल फोन व 03 सिम कार्ड बरामद हुये है जिनमें अभियोग से सम्बन्धित पेमेंट डीटेल एवं महत्वपूर्ण चैटिंग मौजूद है।

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