/ Dec 17, 2024
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Uttarakhand Child Development: देहरादून में फोर्सज उत्तराखंड द्वारा 0-6 वर्ष के बच्चों के विकास और देखभाल को लेकर दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश के सभी जिलों से 50 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यशाला का उद्घाटन बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने किया। उन्होंने कहा कि इस आयु वर्ग के बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
डॉ. खन्ना ने बताया कि 2023-24 में राज्य में क्रेच केंद्रों की संख्या 34 से बढ़ाकर 168 की गई है। इन केंद्रों को आंगनवाड़ी के साथ संचालित किया जा रहा है ताकि बेहतर प्रशिक्षण और सुपरविजन मिले।
कार्यशाला में फोर्सज उत्तराखंड के संयोजक लखबीर सिंह ने बताया कि क्रेच और आंगनवाड़ी केंद्रों की सेवाओं में बड़ा अंतर है। क्रेच केंद्र 7-8 घंटे तक सेवाएं देते हैं, जबकि आंगनवाड़ी केंद्र 4.5 घंटे तक ही संचालित होते हैं। अध्ययन के अनुसार, औद्योगिक और शहरी क्षेत्रों में क्रेच केंद्रों की बड़ी आवश्यकता है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की विशेषज्ञ नीतू फुलारा ने कहा कि यूनिसेफ और अन्य अनुसंधानों के अनुसार, 0-6 वर्ष के बच्चों के विकास पर किया गया निवेश लंबे समय तक लाभकारी साबित होता है।
कार्यशाला में सहमति बनी कि बच्चों के विकास के लिए सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं को मिलकर काम करना होगा। पंचायती राज उपनिदेशक मनोज तिवारी ने बाल विकास केंद्रों की योजना और संचालन में पंचायती राज प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
फोर्सज उत्तराखंड के संयोजक डॉ. डीएस पुण्डीर ने कहा कि पंचायतों के साथ मिलकर बच्चों के विकास पर कार्य करने की योजना बनाई गई है। कार्यशाला में विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किए और बच्चों की देखभाल और पोषण पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
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