रेपिस्ट विधायक को टिकट देकर खामियाजा भुगतेगी भाजपा : आप

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विधायक रेप पीड़ित महिला ने क्या दबाव मेें बदले बयान?
भाजपा विधायक और प्रत्याशी राठौर की फिर बढ़ी मुश्किलें
पीड़ित महिला ने ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर पर लगाए थे दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने के आरोप

हरिद्वार (अरुण कश्यप): उत्तराखंड भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए 59 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। इसमें रेप पीड़िता के आरोपों से घिरे दो विधायकों के लिए जहां भाजपा ने दोहरे मापदंड अपनाए हैं वहीं हरिद्वार के ज्वालापुर विधायक पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला ने एक बार फिर अपने बयान बदल दिए हैं। आम आदमी पार्टी के नेता भी इसका खामियाजा भाजपा को विधानसभा चुनाव में भुगतने की बात कर रहे हैं। साथ ही कोर्ट ने भी इस मामले पुलिस से आठ अप्रैल तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने मामले को रफा-दफा करने के लिए एफआर लगा दी थी। वहीं, रेप के आरोप में घिरे एक और विधायक महेश नेगी के लिए दोहरे मापदंड अपनाते हुए भाजपा ने इस बार टिकट ही नहीं दिया।

वहीं, कोर्ट के आदेश के बाद ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक व भाजपा प्रत्याशी सुरेश राठौर की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है। अपनी ही पार्टी की महिला कार्यकर्ता से दुष्कर्म के मामले में घिरे सुरेश राठौर पर न्यायालय ने पुनः की जांच करने का आदेश देकर प्रदेश भर की राजनैतिक गलियारों में सरगर्मी पैदा कर दी। अब कहीं न कहीं बीजेपी हाईकमान टिकट बंटवारे की प्रणाली भी शक के घेरे में आ गई है। जिसे लेकर अब विपक्ष के नेता भी अलर्ट मोड पर आकर आक्रामक बयानबाजी कर रहे हैं।

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भाजपा विधायक व भाजपा प्रत्याशी सुरेश राठौर

कोर्ट ने अपने आदेश में महिला पर दबाव की बात से भी इंकार नहीं किया है। सात जनवरी को सीजीएम कोर्ट द्वारा जारी आदेश में कोर्ट ने माना है कि पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में स्वीकार किया था कि उससे विधायक सुरेश राठौर ने दुष्कर्म किया था। साथ ही कोई आवाज उठाने या कार्रवाई करने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी। कोर्ट ने अब पुलिस को आदेश दिया है कि 8 अप्रैल तक वो इस मामले में जांच कर कोर्ट को रिपोर्ट दे। कोर्ट ने यह भी माना है कि पुलिस ने गलत तरीके से इस मामले में एफआर लगाकर रफा-दफा करने का प्रयास किया।

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अब सवाल यह भी उठ रहा है कि रेप पीड़िता क्या किसी बड़े दबाव मेें तो नहीं है? क्योंकि जिस तरीके से वह बार बार अपने बयान बदल रही है, उससे तो यही साबित होता है कि पीड़िता किसी बड़े दबाव में आकर ऐसा कर रही है। पीड़िता इस दौरान दो बार अपना बयान बदल चुकी है।

पहले विधायक सुरेश राठौर पर आरोप लगाकर कड़ी कार्रवाई की मांग करने वाली पीड़िता ने बयानबाजी बदली और सुरेश राठौर को अपना गुरु मानते हुए अपनी शिकायत वापस लेने की बात कही, लेकिन हाल ही में कोर्ट को दिए गए बयान में उसने कहा है कि वह अनपढ़ महिला है और उसने किसी समझौते नामे पर हस्ताक्षर नहीं किए। अब कहीं न कहीं भाजपा हाईकमान पर भी आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने आखिर दुष्कर्म के आरोपी विधायक को दोबारा टिकट के लिए क्यों चुना? जबकि अनेक कई आरोपों से घिरे सुरेश राठौर का उन्हीं के विधानसभा क्षेत्र में भारी विरोध भी है। बातचीत के दौरान सुरेश राठौर ने बताया कि उन्हें फिर से किसी षड्यंत्र में फसाया जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर आम आदमी पार्टी से ज्वालापुर प्रत्याशी ममता सिंह ने सुरेश राठोर पर बरसते हुए कहा कि भाजपा ने इस दुष्कर्मी व्यक्ति को टिकट देकर अपनी पूरी पार्टी को कलंकित करने का काम किया है जिसका जवाब उन्हें इस बार विधानसभा चुनाव के परिणाम देंगे।