/ Sep 26, 2025
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SONAM WANGCHUK ARREST: लद्दाख में पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर भड़के आंदोलन के बीच सरकार ने शुक्रवार को लद्दाख के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता और जलवायु एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया। उनकी गिरफ्तारी लेह में हुई, जहां 24 सितंबर को हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। गिरफ्तारी के तुरंत बाद लेह में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं और शहर में लगातार तीसरे दिन कर्फ्यू लागू है।
इस हिंसा में अब तक 4 युवाओं की मौत हो चुकी है, 80 लोग घायल हुए हैं जिनमें 40 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। हिंसा के बाद अब तक 60 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। लद्दाख में प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था। आंदोलनकारियों का कहना था कि केंद्र सरकार को अनुच्छेद 370 और 35A हटाते समय जो वादे किए गए थे, उन्हें पूरा किया जाए और लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देकर छठी अनुसूची में शामिल किया जाए। प्रदर्शन के दौरान लेह में हालात बिगड़ गए। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। भीड़ ने बीजेपी कार्यालय और सीआरपीएफ की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया।
हिंसा के बाद सरकार ने सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया और शुक्रवार को लद्दाख पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने बताया कि उनकी गिरफ्तारी डीजीपी एस डी सिंह जामवाल के नेतृत्व में हुई। सोनम वांगचुक को दोपहर 2.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी थी, लेकिन उससे पहले ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया। गिरफ्तारी के बाद सोनम वांगचुक ने सरकार के आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि यह सब उन्हें जेल में डालने की साजिश है।
गृह मंत्रालय ने सोनम वांगचुक की संस्था स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का विदेशी फंडिंग लाइसेंस (FCRA) भी रद्द कर दिया है। मंत्रालय का कहना है कि संस्था ने विदेशी फंडिंग का गलत इस्तेमाल किया। साथ ही, CBI ने उनकी एक और संस्था हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) के खिलाफ भी जांच शुरू की है। इस संस्था पर भी विदेशी चंदा कानून (FCRA) के उल्लंघन का आरोप है। सीबीआई अब 2020 और 2021 के खातों सहित अतिरिक्त रिकॉर्ड की भी जांच कर रही है।
वांगचुक पर पहले स्थानीय पुलिस ने राजद्रोह का केस दर्ज किया था। चार साल पुरानी एक शिकायत को भी फिर से खोला गया है, जिसमें मजदूरों को वेतन न देने का आरोप लगाया गया था। सरकार ने उनकी संस्था HIAL को दी गई जमीन का पट्टा भी रद्द कर दिया है। इसके अलावा आयकर विभाग ने भी उन्हें नोटिस जारी किया है, हालांकि वांगचुक का कहना है कि लद्दाख में टैक्स का कोई प्रावधान नहीं है फिर भी वे स्वेच्छा से टैक्स भरते रहे हैं। इधर, 6 अक्टूबर को दिल्ली में सरकार और लद्दाख के प्रदर्शनकारियों के बीच बैठक तय की गई है। इसमें पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांगों पर चर्चा होगी।
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