“भर्ती परीक्षाओं में धांधली पर श्वेत पत्र जारी करे UKSSSC, बड़े मगरमच्छों पर भी हो कार्रवाई”

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जब तक छोटी मछलियों के साथ ही बड़े मगरमच्छ न पकड़े तो वर्तमान और भविष्य में भी सुधार असंभव

देहरादून, ब्यूरो। चंद साल पहले ही अस्तित्व में आए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती परीक्षाओं में लगातार सामने आ रही गंभीर धांधलियों के कारण सुर्खियों में है। जिस उद्देश्य के लिए आयोग का गठन किया गया था शायद इसके उलट यहां से बड़े-बड़े खेल होने की खबरें दब-दबकर सामने आती रही हैं। हाल ही में एसटीएफ ने 2021 में हुई परीक्षाओं में धांधली की शिकायत के बाद मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू की तो एक के बाद एक और अब दर्जनों लोग अरेस्ट किए जा चुके हैं। आरोपियों कई लाख रुपये नकद भी मिल चुके हैं और कार्रवाई अभी भी जारी है। दूसरी ओर युवा वर्ग और परीक्षा की तैयारियां कर रहे अभ्यर्थियों का ऐसी धांधलियों से इतना जरूर समझ गया है कि टैंलेट की बजाय पैसे और सिफारिश से ही अधिक लोगों की सरकारी नौकरियां लगती हैं। संघर्ष कर एग्जाम देने वाले युवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं पर विश्वास कैसे करें यह एक बड़ा सवाल है। वहीं, इस संबंध में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रवीन्द्र जुगरान ने कहा कि उत्तराखंड राज्य अधीनस्थ चयन सेवा आयोग को भर्ती परीक्षाओं में हो रही धांधलियों को लेकर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रवीन्द्र जुगरान ने कहा कि उत्तराखंड राज्य अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के अध्यक्ष/सचिव समेत सभी सदस्यों और जिम्मेदार अकिधकारियों को स्वयं अपनी सम्पत्ति की जांच की मांग करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में मुन्ना भाइयों के पकड़े जाने, इतने बड़े स्तर पर भर्ती में धांधली उजागर होने और भर्ती परीक्षाओं में इतने लोगों के पकड़े जाने के बाद अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को श्वेत पत्र जारी करना चाहिये। रवीन्द्र जुगरान ने कहा कि चयन सेवा आयोग के अध्यक्ष/सचिव समेत सभी सदस्यों को मीडिया के माध्यम से इस खेदजनक स्थिति पर अपना विचार जनता के सम्मुख रखना चाहिए। विशेषकर भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उत्तराखंड के नौजवानों के समक्ष। उत्तराखंड राज्य अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के अध्यक्ष/सचिव समेत सभी सदस्यों एवं जिम्मेदार अधिकारियों को स्वयं आगे आ कर अपनी-अपनी सम्पत्ति की जांच की मांग भी करनी चाहिये।

ravindra jugran

रवीन्द्र जुगरान ने कहा कि वर्तमान और भविष्य में होने वाली भर्ती परीक्षाओं में उत्तराखंड के अभ्यर्थियों का विश्वास बना रहे, इसके लिये आयोग को उत्तराखंड की जनता को विश्वास दिलाना चाहिये। रवीन्द्र जुगरान ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में उजागर हुई अनियमितता और धांधली से नौजवानों का उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की कार्य प्रणाली से विश्वास कम हुआ है, इसे पुनः कायम करने की जरूरत है। रवीन्द्र जुगरान ने कहा कि भर्ती परीक्षा में उजागर हुई धांधली में छोटी मछलियों के साथ-साथ जब तक बड़े मगरमच्छ पकड़ में नहीं आते तब तक वर्तमान और भविष्य में भी सुधार संभव नहीं होगा। भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बने रहे, इसके लिए धांधली करने वाले बड़े मगरमच्छों को सलाखों के पीछे डालना होगा। तब ही वर्तमान और आगे की स्थिति में कुछ सुधार हो सकता है।