/ Aug 12, 2025
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SC ON STRAY DOGS: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ती आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा आदेश जारी किया है। सोमवार, 11 अगस्त 2025 को कोर्ट ने दिल्ली सरकार, नगर निगम दिल्ली (MCD), न्यू दिल्ली म्युनिसिपल काउंसिल (NDMC) और नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम समेत अन्य नगर निकायों को निर्देश दिया है कि अगले 8 हफ्तों में सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर विशेष आश्रय स्थलों (शेल्टर होम) में रखा जाए। यह कदम बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और रेबीज जैसी घातक बीमारी के खतरे को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।
जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि दिल्ली-एनसीआर में लोग आवारा कुत्तों के हमलों से डर के माहौल में जी रहे हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सड़कों को पूरी तरह आवारा कुत्तों से मुक्त करना होगा और पकड़े गए कुत्तों को किसी भी हालत में सार्वजनिक स्थानों पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा। कोर्ट ने आदेश दिया कि 8 हफ्तों के भीतर 5,000 कुत्तों की क्षमता वाले शेल्टर होम तैयार किए जाएं और उनकी बुनियादी ढांचे की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए। इन शेल्टर होम्स में नसबंदी और टीकाकरण के लिए पर्याप्त कर्मचारी तैनात किए जाएंगे।
इसके साथ ही, शेल्टर होम्स में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी ताकि कोई भी कुत्ता बाहर न ले जाया जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर हेल्पलाइन शुरू करने का भी निर्देश दिया, जहां कुत्तों के काटने की शिकायतें दर्ज की जा सकें। आदेश के अनुसार, शिकायत मिलने के 4 घंटे के भीतर कार्रवाई करनी होगी। कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन कुत्तों को पकड़ने में बाधा डालेगा, तो उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी, जिसमें FIR तक दर्ज हो सकती है।
यह मामला तब गंभीर हुआ जब 28 जुलाई 2025 को कोर्ट ने दिल्ली में रेबीज से हुई मौतों और कुत्तों के हमलों की घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लिया। आंकड़ों पर नजर डालें तो 2025 के पहले छह महीनों में दिल्ली में 35,000 से अधिक कुत्तों के काटने के मामले और 90,000 अस्पताल में भर्ती के मामले सामने आए। फिलहाल दिल्ली में लगभग 10 लाख आवारा कुत्ते हैं, जिनमें से केवल 4.7 लाख की नसबंदी हुई है। इस आदेश का समर्थन करते हुए दिल्ली के मेयर इकबाल सिंह ने कहा कि यह फैसला दिल्लीवासियों को आवारा कुत्तों की समस्या से राहत देगा और उन्होंने 6 हफ्तों में आदेश लागू करने की बात कही।
वहीं, पशु अधिकार संगठनों और डॉग लवर्स ने इस फैसले का विरोध किया है। पेटा इंडिया के शौर्य अग्रवाल ने इसे “अव्यवहारिक, अतार्किक और गैरकानूनी” करार देते हुए कहा कि 10 लाख कुत्तों को शेल्टर में रखना असंभव है। पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने भी इसे “गुस्से में लिया गया अजीब फैसला” बताया और कहा कि 3 लाख कुत्तों को शेल्टर में रखने के लिए 15,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी, जो संभव नहीं है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी इसे दशकों से चली आ रही मानवीय और वैज्ञानिक नीतियों से पीछे हटने वाला कदम बताया।
11 अगस्त की रात को इंडिया गेट पर डॉग लवर्स ने धरना-प्रदर्शन कर इस आदेश का विरोध किया। उनका कहना था कि कुत्तों को दोषी ठहराने के बजाय रेबीज और जनसंख्या नियंत्रण पर ध्यान दिया जाना चाहिए। दिल्ली सरकार और MCD ने 20 नए शेल्टर होम बनाने की योजना शुरू की है, लेकिन मौजूदा ABC (Animal Birth Control) नियमों में बदलाव करना आवश्यक होगा, क्योंकि इन नियमों के तहत नसबंदी के बाद कुत्तों को उसी स्थान पर छोड़ने का प्रावधान है। सुप्रीम कोर्ट ने 6 हफ्तों बाद अनुपालन रिपोर्ट मांगी है।
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