/ Dec 29, 2025

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ऋषिकेश में वन भूमि को लेकर बवाल, पुलिस और जनता आमने-सामने, अब तक ये हुई कार्यवाई

RISHIKESH FOREST LAND CASE: ऋषिकेश में रविवार का दिन भारी हंगामे और तनाव के नाम रहा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वन भूमि के सर्वे और चिह्नीकरण की कार्रवाई का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों के प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया। सड़कों पर उतरे लोगों ने न केवल नेशनल हाईवे जाम किया, बल्कि रेलवे ट्रैक पर भी बैठ गए। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जो बाद में पथराव में बदल गई। इस पूरे घटनाक्रम के बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए 200 से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए हैं, जिसमें महिला वन अधिकारी के साथ अभद्रता का गंभीर मामला भी शामिल है।

RISHIKESH FOREST LAND CASE:  नेशनल हाईवे और रेलवे ट्रैक किया जाम

वन विभाग की टीम जब पुलिस और प्रशासन के साथ अतिक्रमण हटाने और सर्वे के लिए पहुंची, तो अमितग्राम और गुमानीवाला क्षेत्र के लोग भड़क गए। दोपहर करीब 1:30 बजे से शाम 4 बजे तक लोगों ने हरिद्वार बायपास मार्ग को पूरी तरह जाम रखा। इतना ही नहीं, आक्रोशित भीड़ ने मनसा देवी रेलवे फाटक के पास रेलवे लाइन को भी ब्लॉक कर दिया। प्रदर्शन के कारण कई ट्रेनें करीब डेढ़ घंटे तक फंसी रहीं। रेलवे ट्रैक जाम होने से कुल 6 ट्रेनें लेट हुईं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन भीड़ टस से मस नहीं हुई।

RISHIKESH FOREST LAND CASE
RISHIKESH FOREST LAND CASE

RISHIKESH FOREST LAND CASE: पुलिस पर पथराव और महिला रेंजर से बदसलूकी

हालात तब बिगड़ गए जब आक्रोशित भीड़ ने पुलिस और प्रशासन की टीमों पर पथराव शुरू कर दिया। इस पथराव में कई लोगों को चोटें आने की खबर है। पुलिस ने आरोप लगाया है कि भीड़ ने सरकारी काम में बाधा डाली और कानून को अपने हाथ में लिया। इससे भी गंभीर मामला गुमानीवाला क्षेत्र से सामने आया, जहां सर्वे के लिए गई वन विभाग की एक महिला रेंजर के साथ भीड़ ने अभद्रता की। पीड़ित रेंजर की तहरीर के मुताबिक, 27 दिसंबर को जब वह सरकारी कार्य कर रही थीं, तब अज्ञात लोगों ने न सिर्फ उनके काम में बाधा डाली, बल्कि धक्का-मुक्की और मारपीट भी की।

200 से ज्यादा लोगों पर एफआईआर दर्ज

इस पूरे बवाल के बाद पुलिस प्रशासन ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। एसपी देहात जया बलूनी ने जानकारी दी कि नेशनल हाईवे जाम करने और उपद्रव मचाने के आरोप में रायवाला में तैनात एसएसआई मनवर सिंह नेगी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने मोहन सिंह असवाल, वीरेंद्र रमोला, विनोद नाथ, हिमांशु पंवार, लालमणि रतूड़ी, निर्मला उनियाल, ऊषा चौहान और सचिन रावत समेत 8 लोगों को नामजद किया है। इसके अलावा 150 से 210 अज्ञात महिला और पुरुषों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। (RISHIKESH FOREST LAND CASE)

RISHIKESH FOREST LAND CASE
RISHIKESH FOREST LAND CASE

क्या है 75 साल पुराना RISHIKESH FOREST LAND CASE?

यह मामला साल 1950 से जुड़ा है। 26 मई 1950 को ऋषिकेश में ‘पशु लोक सेवा मंडल संस्थान’ को 99 वर्षों के लिए (साल 2049 तक) करीब 2866 एकड़ भूमि लीज पर दी गई थी। इस भूमि के कुछ हिस्से सरकारी विभागों को मिले, लेकिन एक बड़े हिस्से पर अवैध कब्जे हो गए और लोगों ने पक्के मकान बना लिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार को फटकार लगाई थी और अतिक्रमण की जांच व कार्रवाई के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। वन विभाग 2000 एकड़ से अधिक भूमि के रिकॉर्ड खंगाल रहा है और खाली पड़े प्लॉटों को अपने कब्जे में ले रहा है।

RISHIKESH FOREST LAND CASE: लाठीचार्ज से पुलिस का इनकार, अफवाहों पर नजर

घटना के बाद सोशल मीडिया पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने की खबरें भी सामने आईं, जिनका पुलिस ने खंडन किया है। देहरादून एसएसपी ने स्पष्ट किया कि पुलिस ने संयम बरता और लाठीचार्ज नहीं किया, बल्कि प्रदर्शनकारियों की तरफ से पथराव किया गया था। उन्होंने चेतावनी दी है कि सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें और अफवाह फैलाने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। देर शाम एसएसपी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और देहरादून व आसपास के जिलों से मंगाई गई फोर्स के साथ ऋषिकेश और श्यामपुर क्षेत्र में फ्लैग मार्च निकालकर शांति व्यवस्था बहाल की।

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