DEVBHOOMI NEWS DESK: पिछले साल ऋषिकेश में हुए RISHIKESH AIIMS MACHINES AND MEDICAL SCAM में CBI के द्वारा पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। एम्स में रोड स्वीपिंग मशीन और दवाइयों की खरीद- फरोख्त में लगभग साढ़े 6 करोड़ का घोटाला सामने आया था। इसके अलावा केमिस्ट शॉप के आवंटन में टेंडर प्रक्रिया में भी घोटाला हुआ था। इन सभी मामलों में CBI ने उस समय के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग के एक प्रोफेसर समेत नौ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
बताया जा रहा है कि एम्स में स्वीपिंग मशीन खरीदने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी। RISHIKESH AIIMS MACHINES AND MEDICAL SCAM के सामने आने के बाद इस मामले में CBI ने बीती 2 जनवरी को माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. बलराम ओमर, एनाटॉमी विभाग के प्रोफेसर डॉ. बृजेंद्र सिंह, सहायक प्रोफेसर अनुभा अग्रवाल, प्रशासनिक अधिकारी शाशिकांत और लेखाधिकारी दीपक जोशी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इन पर धोखाधड़ी, आपराधिक षड़यंत्र और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं।
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RISHIKESH AIIMS MACHINES AND MEDICAL SCAM
साल 2022 में CBI को ऋषिकेश एम्स में मशीनों व मेडिकल स्टोर के आवंटन में घोटाले की सूचना मिली थी। CBI की टीम ने तीन फरवरी 2022 को एम्स ऋषिकेश में जांच शुरू की थी। इसके बाद टीम 22 अप्रैल 2022 को फिर से टीम एम्स पहुंची और कई दस्तावेज खंगालने के बाद स्वीपिंग मशीन खरीद और मेडिकल स्टोर आवंटन में करोड़ों रुपये के RISHIKESH AIIMS MACHINES AND MEDICAL SCAM का भंडाफोड़ किया था। बताया गया था कि मशीन टेंडर मैसर्स त्रिवेणी सेवा फार्मेसी को दिया गया था। टेंडर में घपलेबाजी करते हुए कमेटी ने योग्य कंपनी को बाहर करते हुए अयोग्य कंपनी को टेंडर दिया था और जो मशीन खरीदी थी वो कुछ ही घंटे ही चली।
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