/ Dec 19, 2025
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REVERSE MIGRATION UTTARAKHAND: उत्तराखंड से पलायन की समस्या को जड़ से खत्म करने और प्रवासियों को वापस अपने घर लाने के लिए धामी सरकार ने अब एक नई योजना तैयार की है। सीएम धामी ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की 10वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में त्रियुगीनारायण मंदिर की तर्ज पर 25 नए स्थानों को ‘वेडिंग डेस्टिनेशन’ के रूप में विकसित किया जाए। सरकार का मानना है कि जब पहाड़ में शादियां होंगी, तो वहां पर्यटन बढ़ेगा, रोजगार के मौके बनेंगे और लोग अपने गांवों की ओर लौटेंगे।

मुख्यमंत्री ने बैठक में एक और अहम सुझाव दिया है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राज्य भर में ‘प्रवासी पंचायतों’ का आयोजन किया जाए। इन पंचायतों में देश-विदेश में नौकरी कर रहे उत्तराखंड के प्रवासियों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। इसका मकसद उन्हें यह बताना है कि सरकार ने रिवर्स पलायन के लिए कौन-कौन सी नई योजनाएं शुरू की हैं और उन्हें गांव में ही रोजगार के लिए कितनी सब्सिडी और मदद मिल रही है। साथ ही, सरकार इन प्रवासियों से उनके सुझाव भी लेगी कि कैसे वे अपने राज्य की तरक्की में योगदान दे सकते हैं।

इसी बीच आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस. नेगी ने आंकड़ों के साथ बताया कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में अब हवा बदल रही है और रिवर्स पलायन का रुझान देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक 6,282 लोग अपने गांवों में वापस लौट आए हैं। इनमें देश के अलग-अलग हिस्सों के साथ-साथ विदेशों से लौटे लोग भी शामिल हैं। वापस आए अधिकतर लोग पर्यटन और छोटे उद्योगों में काम कर रहे हैं और आत्मनिर्भर बन रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चार-पांच सालों में सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए जो सब्सिडी और ऋण योजनाएं चलाई हैं, उसका यह असर है।

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