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कथा सुनने के बाद घर लौट रहे रिटायर्ड फौजी पर गुलदार का जानलेवा हमला, ऐसे बचाई जान

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अल्मोड़ा, ब्यूरो। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में जंगली जानवरों के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अल्मोड़ा जनपद के ताड़ीखेत विकासखंड इलाके से भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यहां के सिंगोली गांव में कथा सुनने के बाद घर लौट रहे एक रिटायर्ड फौजी पर गुलदार ने धावा बोल दिया। जब तक रिटायर फौजी कुछ समझ पाते गुलदार ने उसे लहूलुहान कर दिया। किसी तरह फौजी शोरगुल और गुलदार का सामना करते हुए अपनी जान बचाई। शोरगुल सुनने पर आसपास के लोग भी मौके पर आए फिर गुलदार मौके से भाग गया। इसके बाद लोगों ने तत्काल गंभीर हालत में रिटायर फौजी को आर्मी हॉस्पिटल में एडमिट करवाया। यहां उसका उपचार किया जा रहा है। रिटायर्ड फौजी के सिर में गुलदार के पंजों के निशान साफ देखे जा सकते हैं।

guldar attack

बता दें कि अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत ब्लॉक के सिंगोली गांव निवासी रिटायर्ड फौजी गोविंद सिंह परमार अपने घर से कुछ ही दूरी पर आयोजित श्रावण मास कथा सुनने गए थे। कल रात जब वह कथा सुनने के बाद वापस लौट रहे थे, तब रास्ते में घात लगाकर बैठे गुलदार ने रिटायर्ड फौजी पर हमला बोल दिया। इससे पहले कि रिटायर्ड फौजी कुछ समझ पाते, गुलदार ने उन्हें लहूलुहान कर दिया। फौजी के सिर पर गुलदार के पंजों के निशान हैं। गंभीर हालत में फौजी को आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

गुलदार ने जैसे ही रिटायर्ड फौजी पर हमला किया तो उसने बचाव में शोर मचाया। इससे आसपास के लोग भी एकत्रित हो गए। फिर गुलदार मौके से भाग गया। सिंगोली की ग्राम प्रधान महेंद्र ने बताया कि घायल पूर्व सैनिक गोविंद सिंह परमार को तुरंत आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। गुलदार के इस तरह अचानक हमला करने से गांव में दहशत का माहौल है। लोग अपने घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से इलाके में गश्त बढ़ाने के साथ ही ऐसे आदमखोर जानवरों के लिए पिंजरा लगाने की भी मांग की है। इसके साथ ही पूर्व सैनिक को उचित मुआवजा देने के लिए भी स्थानीय लोगों ने वन विभाग के अफसरों से गुहार लगाई है।

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