Prahlad Jani: भारतीय वैज्ञानिकों के साथ साथ विदेशी वैज्ञानिकों के भी उड़े होश
Prahlad Jani: वो व्यक्ति जो वैज्ञानिकों की समझ से भी बेहद परे था, जिन्होंने अपने जीवन के 79 सालों तक न ही जल ग्रहण किया और न ही भोजन और फिर भी ये बिलकुल स्वस्थ थे जिस प्रकार एक जल और भोजन ग्रहण करने वाला व्यक्ति स्वस्थ रहता है। कई दिनों तक इन पर शोध भी किया गया लेकिन फिर भी वैज्ञानिकों के हाथ कुछ न लगा।
अद्भुत शक्तियों वाले इस व्यक्ति का नाम था योगी प्रह्लाद जानी (Prahlad Jani) जिनका 91 साल की उम्र में 26 मई 2020 को निधन हो गया था। प्रह्लाद जानी (Prahlad Jani) का जन्म 13 अगस्त 1929 में गुजरात के चरदा गांव में हुआ था। प्रह्लाद जानी के 5 भाई थे और एक बहन थी।
मात्र 10 साल की उम्र में ही उन्होंने आध्यात्म से जुड़ने की ठान ली थी और उन्होंने ऐसा किया भी। प्रह्लाद जानी (Prahlad Jani) ने जब आध्यात्मिक जीवन अपनाकर अपना घर छोड़ा तो उन्होंने पहले माउंट आबू में तपस्या की, इसके बाद महाबलेश्वर में तपस्या की और फिर 1 वर्ष तक माता अंबे की भक्ति में डूबे रहे।
आपको बता दें कि जब वह इसी राह में आगे बढ़ रहे थे तो उनकी जीभ पर तीन कन्याओं द्वारा अंगुली रखी गई थी, इसके बाद से उन्होंने न कभी कुछ खाया और न ही कभी कुछ पीया। कहा जाता है कि उन कन्याओं द्वारा उंगली रखने के कारण ही योगी प्रह्लाद जानी (Prahlad Jani) की भूख भी हमेशा हमेशा के लिए खत्म हो गई।
इसी के बाद से उन्होंने एक महिला की तरह श्रिंगार करना शुरु कर किया। साड़ी पहने प्रह्लाद जानी की मांग में एक सुहागन की तरह सिंदूर रहता, नाक में नथनी रहती और जिस प्रकार माता चुनरी ओड़ती है उसी प्रकार प्रह्लाद जानी (Prahlad Jani) भी चुनरी ओड़ने लगे।
अपने जीवन के आखिरी 50 साल प्रह्लाद जानी ने अहमदाबाद से करीबन 180 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक पहाड़ी पर बिताए जहां अंबाजी मंदिर की शेष नाग के आकार वाली गुफा भी मौजूद है।
प्रह्लाद जानी (Prahlad Jani) के आश्रम में कई बड़े बड़े नेताओं और सेल्ब्रिटीज का आना जाना था, उनकी लोकप्रियता इतनी ज्यादा थी कि पीएम मोदी तक उनके आश्रम में उनसे मिलने जा चुके हैं।
इसी बढ़ती लोकप्रियता के चलते इन्होंने वैज्ञानिकों का ध्यान भी अपनी ओर केंद्रित किया जिसके बाद वैज्ञानिकों और सेना की भी प्रह्लाद जानी (Prahlad Jani) को जानने में रुची बढ़ती चली गई। करीबन 79 सालों तक बिना पानी और खाने के कैसे कोई व्यक्ति जीवित रह सकता है ये देख सेना भी हैरान थी।
सरहदों पर कई जटिल परिस्थितियों में सेना के जवानों को खाने और पानी की कमी से जूझना पड़ता है जिसके कारण कई बार कई सैनिकों की मौत भी हो जाती है, यही कारण था की सेना के अधिकारी भी ये जानने में इच्छुक थे कि कैसे प्रह्लाद जानी (Prahlad Jani) बिना कुछ खाये पीये इतने सालों से जीवित थे ताकी वो अपने सैनिकों पर भी इसी तकनीक का इस्तेमाल कर सके।
सिर्फ देश के ही नहीं बल्की विदेशों के वैज्ञानिक तक इस गुत्थी पर से पर्दा उठाना चाहते थे और इसी गुत्थी को सुलझाने में देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भी शामिल थे। योगी प्रह्लाद जानी (Prahlad Jani) कैसे बिना खाये पिए इतने सालों तक जीवित थे इस पर से पर्दा उठाने के लिए प्रह्लाद जानी के कई मेडिकल टेस्ट भी किए गए।
15 दिनों तक प्रह्लाद जानी (Prahlad Jani) डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की टीम के सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में थे। इस दौरान ये वैज्ञानिक प्रह्लाद जानी (Prahlad Jani) पर चौबीसों घंटे नजर रखते थे। इतना ही नहीं इस गुत्थी को सुलझाने के लिए इन वैज्ञानिकों द्वारा प्रह्लाद जानी (Prahlad Jani) के आश्रम के पेड़- पौधों पर भी शोध किया गया, लेकिन फिर भी इन वैज्ञानिकों के हाथ कुछ न लगा।
इसके बाद जाने माने न्योरोलॉजिस्ट डॉ सुधीर शाह द्वारा भी प्रह्लाद जानी (Prahlad Jani) की 2 बार बेहद जटिल जांच की गई थी। डॉ सुधीर शाह द्वारा बताया गया कि इस दौरान भी प्रह्लाद जानी (Prahlad Jani) ने न ही कुछ खाया, न ही कुछ पीया और न ही उन्होंने मल मूत्र त्यागा। डॉ सुधीर का कहना था कि क्योंकि इतने सालों से उन्होंने कुछ खाया पीया नहीं है इस कारण उनका शारीरिक ट्रांसफॉर्मेशन हो चुका है।
इस शोध के दौरान उनके कुछ टेस्ट भी हुए जिनके नतीजे हैरान कर देने वाले थे। प्रह्लाद जानी (Prahlad Jani) के शरीर में हेमोग्लोबिन की बात करें तो ये कहीं 10 से 12 के बीच था जो की किसी भी सामान्य व्यक्ति का होता है। जिन भी डॉक्टरों और वैज्ञानिकों द्वारा योगी प्रह्लाद जानी (Prahlad Jani) पर शोध किया गया उनका केवल यही कहना था कि प्रह्लाद जानी (Prahlad Jani) और उनका शरीर हम सभी की कल्पना से परे था जिसका नतीजा ये निकला कि आज भी ये रहस्य मात्र रहस्य ही बनकर रह गया है।
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