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INS Vikrant : भारतीय नौसेना में शामिल हुआ INS Vikrant

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आखिरकार भारत का पहला स्वदेशी और अब तक का सबसे बड़ा विमानवाहक INS Vikrant
नौसेना में शामिल हो गया है।
2 सितंबर 2022 यानी आज पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे कोच्चि में देश को समर्पित किया है।

INS Vikrant :  आज इतिहास बदलने वाला एक काम हुआ है। भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि केरल के समुद्री तट पर पूरा भारत एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है। INS Vikrant का डिजाइन और निर्माण सबकुछ भारत में ही किया गया है। इसमें बायीं ओर ऊपर की तरफ राष्ट्रधव्ज और दायीं तरफ अशोक स्तंभ और उसके नीचे लंगर है। अब भारत अमेरिका,ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है। जिनके पास अपने दम पर विमान वाहक पोत बनाने की क्षमता है।

भारतीय नौसेना को 1960 में पहली बार विमानवाहक पोत मिला, तब ब्रिटेन से खरीदे इस पोत का नाम भी विरक्रांत ही था, जोकि अब रिटायर हो चुका है।

INS Vikrant  : जानिए अपने संबोधन पीएम नरेंद्र मोदी ने क्या कुछ कहा

INS Vikrant
पीएम मोदी
सौजन्य-ट्विटर
  1. आज भारत ने, गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना (INS Vikrant)  को एक नया ध्वज मिला है। आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहराएगा।
  2. INS Vikrant PC TWITTER

2. विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उतरेगा, तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी। समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नए भारत की बुलंद पहचान बन रही है।

  1. पिछले समय में इंडो-पैसिफिक रीजन और इंडियन ओशन में सुरक्षा चिंताओं को लंबे समय तक नजरंदाज किया जाता रहा। लेकिन, आज ये क्षेत्र हमारे लिए देश की बड़ी रक्षा प्राथमिकता है। इसलिए हम नौसेना के लिए बजट बढ़ाने से लेकर उसकी क्षमता बढ़ाने तक, हर दिशा में काम कर रहे हैं।
  2. बूंद-बूंद जल से जैसे विराट समंदर बन जाता है। वैसे ही भारत का एक-एक नागरिक ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को जीना प्रारंभ कर देगा, तो देश को आत्मनिर्भर बनने में अधिक समय नहीं लगेगा।
  3. अब इंडियन नेवी ने अपनी सभी शाखाओं को महिलाओं के लिए खोलने का फैसला किया है। जो पाबन्दियां थीं वो अब हट रही हैं। जैसे समर्थ लहरों के लिए कोई दायरे नहीं होते, वैसे ही भारत की बेटियों के लिए भी अब कोई दायरे या बंधन नहीं होंगे।

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  4. विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उतरेगा, तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी। समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नए भारत की बुलंद पहचान बन रही है।
  5. रामधारी सिंह दिनकर जी ने अपनी कविता में लिखा था- नवीन सूर्य की नई प्रभा, नमो, नमो। नमो स्वतंत्र भारत की ध्वजा, नमो, नमो… आज इसी ध्वज वंदना के साथ मैं ये नया ध्वज नौसेना के जनक छत्रपति वीर शिवाजी महाराज को समर्पित करता हूं।
  6. आज 2 सितंबर, 2022 की ऐतिहासिक तारीख को, इतिहास बदलने वाला एक और काम हुआ है। आज भारत ने, गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है।
  7. इसलिए उन्होंने भारत के समुद्री सामर्थ्य की कमर तोड़ने का फैसला लिया। इतिहास गवाह है कि कैसे उस समय ब्रिटिश संसद में कानून बनाकर भारतीय जहाजों और व्यापारियों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए।
  8. छत्रपति वीर शिवाजी महाराज ने इस समुद्री सामर्थ्य के दम पर ऐसी नौसेना का निर्माण किया, जो दुश्मनों की नींद उड़ाकर रखती थी। जब अंग्रेज भारत आए, तो वो भारतीय जहाजों और उनके जरिए होने वाले व्यापार की ताकत से घबराए रहते थे।

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  9. INS विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है। ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है। इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है।
  10. आज विक्रांत को देखकर समंदर की ये लहरें, आह्वान कर रही हैं, अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ़-प्रतिज्ञ सोच लो प्रशस्त पुण्य पंथ हैं, बढ़े चलो-बढ़े चलो…
  11. आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता है। आज आईएनएस विक्रांत ने देश को एक नए विश्वास से भर दिया है, देश में एक नया भरोसा पैदा कर दिया है।
  12. ये हर भारतीय के लिए गौरव का अनमोल अवसर है। ये हर भारतीय का मान, स्वाभिमान बढ़ाने वाला अवसार है। मैं इसके लिए हर भारतीय को बधाई देता हूं। 

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