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पाकिस्तान में बर्फ मौत बनकर बरसी, सरकार बहरी, इंसानियत अंधी!

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देहरादून ब्यूरो। पाकिस्तान में बर्फबारी का रौद्र रूप देखने को मिला। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से करीब 31 किलोमीटर दूर मरी हिल स्टेशन में शुक्रवार और शनिवार को भारी बर्फबारी हुई। टूरिस्ट पहाड़ी इलाकों में छूटि्टयां मनाने जा रहे थे, लेकिन वो इस बात से अंजान थे कि आसमान से गिरने वाली बर्फ उन पर कहर बरसाने वाली है। जबरदस्त बर्फबारी के कारण 1000 से ज्यादा टूरिस्टों की गाड़ियां बीच रास्तों में ही फंस गई। जिनमें हजारों लोग सवार थे।

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यहां की सरकार का बर्फबारी और जाम से निपटने का कोई प्लान नहीं था। सूत्रों के अनुसार रविवार तक 26 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आ रही है। इस घटना को कई घंटे गुजर जाने के बाद भी अब तक रास्ता पूरी तरह साफ नहीं किया गया है। रेस्क्यू के लिए आर्म फोर्स को लगाया गया है। इस हादसे की वजहों पर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि मरी में डेढ़ लाख गाड़ियां पहुंची हों। 2015 के बाद से अब तक हर साल करीब-करीब इतनी ही गाड़ियां यहां पहुंचती हैं, लेकिन पहले कभी इस तरह का कोई हादसा नहीं हुआ, इसकी वजह यह है कि पहले लोकल एडमिनिस्ट्रेशन अलर्ट रहता था। इसके लिए पंजाब प्रांत की सरकार के पास एक अलग डिपार्टमेंट भी है। 30 स्नो ब्लोइंग या स्नो रिमूवल मशीन और 6 क्रेन्स रहती हैं। लेकिन सवाल यह है कि शुक्रवार को ही जब अफरातफरी मचने लगी थी तो डिपार्टमेंट और सरकार क्या कर रही थी। जैसे ही 2 इंच बर्फबारी होती है तो क्रेन और स्नो रिमूवल मशीन काम करने लगती हैं, सड़कों पर नमक का छिड़काव किया  जाता है, मगर इस बार कोई तैयारी नहीं थी।

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अब्बासी ने बताया- जब बर्फीला तूफान आया तो उस वक्त बाहर निकलने पर सर्दी जान ले लेती। लोगों ने अपने अपने कार के शीशे बंद कर, हीटर ऑन कर लिया जिससे कार में कार्बन मोनोऑक्साइड पैदा होने लगा और उनका दम घुटने लगा। कुछ लोगों ने गाड़ियों से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर जाने की कोशिश भी  की, लेकिन वे भी जान बचाने में नाकाम रहे। एक स्नो ब्लोइंग मशीन थी, लेकिन उसके ड्राइवर ने कहा कि गाड़ी में डीजल ही नहीं है। पहले बुजुर्गों ने दम तोड़ा और कुछ समय बाद बच्चों ने अपना दम तोड़ दिया। उन्हें बचाने के कोई इंतजाम नहीं थे।

इस्लामाबाद यूनिवर्सिटी में केमिस्ट्री के प्रोफेसर अशरफ हैदर ने अब्बासी के आरोपों को सही करार दिया। पाकिस्तान में इमरजेंसी सर्विस के लिए टोल फ्री नंबर 1122 है लेकिन बातचीत में एक टूरिस्ट ने कहा कि हमने कई बार इस नंबर पर फोन किया, लेकिन इसे बंद कर दिया गया था। मेरी फैमिली 32 घंटे कार में फंसी रही, बच्चे भूख से तड़पते रहे और  फ्यूल खत्म हो गया, सामने की एक गाड़ी में दो लोगों ने अपना दम तोड़ दिया था। पास में होटल था वहां बिना लाइट और पानी वाले कमरे के लिए 25 हजार रुपए मांगे जा रहे थे। मुझे लगता है कि कुछ लोग तो भूख से भी मर गए होंगे, फौज भी 24 घंटे बाद आई और उसके पास भी बिस्किट और पानी के अलावा कुछ नहीं था।

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