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पैंगबर पर टिप्पणी को लेकर अल कायदा की धमकी : बच्चों के शरीर में विस्फोटक बांधकर ऐसे लोगों को उड़ाएंगे, इन राज्यों में दी हमले की धमकी

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दिल्ली, ब्यूरो : पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी का विवाद लगातार गहराता ही जा रहा है। मामले में अब आतंकी संगठन अलकायदा ने भारत को धमकी दी है। अलकायदा इन द सबकांटिनेंट (AQIS) ने पत्र जारी कर भारत को धमकी दी है। जिसमें दिल्ली, मुंबई, UP और गुजरात में आत्मघाती हमले की धमकी दी गई है। बता दें कि पत्र में 6 जून 2022 की तारीख है फिलहाल यह पत्र सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें लिखा है कि हम पैगंबर के अपमान का बदला लेंगे। बच्चों के शरीर में विस्फोटक बांधकर ऐसे लोगों को उड़ाएंगे।

अल कायदा ने पत्र में लिखा है कि कुछ दिन पहले हिंदुत्व के प्रचारक ने इस्लाम धर्म का अपमान किया था। टीवी डिबेट में उनके दिए गए बयान से दुनियाभर के मुसलिम समुदाय के लोगों को ठेस पहुंची थी। अल कायदा ने पत्र में का है कि हम पैगंबर के अपमान का बदला लेंगे। हम अपने और अपने बच्चों के शरीर में विस्फोटक बांधेंगे, ताकि ऐसे लोगों को उड़ाया जा सके। पत्र में अल कायदा ने घमकी दी है कि दिल्ली, मुंबई,यूपी और गुजरात में भगवाधारियों का अंत किया जाएगा,  और वो लोग न तो अपने घर में छुप पाएंगे और न ही सेना उन्हें बचा पाएगी। ये भी पढ़े-CM योगी के बुल्डोजर के खिलाफ उतरे ये शहर काजी, कानपुर हिंसा को लेकर उठाए बड़े सवाल

अलकायदा का धमकी भरा पत्र

बता दें कि एक न्यूज डिबेट में बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद साहब पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसे लेकर देश और दुनिया के सभी मुस्लमानों में खासा आक्रोश है। मुस्लिम समुदाय लगातार नूपुर शर्मा का विरोध कर रहा है। वहीं पार्टी ने भी एक्शन लेते हुए नूपुर शर्मा को बीजेपी से निंलबित कर दिया है। हालांकि पिछले दिनों नूपुर शर्मा ने बयान जारी कर कहा था कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और बिना शर्त अपने बयान वापस लेती हैं। वहीं नूपुर शर्मा पर महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में मुकदमा भी दर्ज किया गया है। इस मुद्दे पर पहले 57 मुस्लिम देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने विरोध जताया और इसके बाद कुछ अरब देशों ने भारतीय उत्पादों का बहिष्कार शुरू कर दिया है। इसके साथ ही ईरान, इराक, कुवैत, कतर, सऊदी अरब, ओमान, UAE, जॉर्डन, अफगानिस्तान, बहरीन, मालदीव, लीबिया, इंडोनेशिया, तुर्की, मलेशिया और पाकिस्तान ने भी बयान का विरोध किया है।ये भी पढ़े-क्यों 6 महीने में 86 फीसदी कर्मचारी नौकरी से देंगे इस्तीफा ?

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