/ Dec 27, 2024
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MANMOHAN SINGH: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया। 92 वर्षीय डॉ. सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। घर पर बेहोश होने के बाद उन्हें रात 8:06 बजे अस्पताल लाया गया। अस्पताल ने रात 9:51 बजे उनके निधन की पुष्टि की। डॉ. सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह कांग्रेस मुख्यालय में रखा जाएगा, जहां आम जनता और पार्टी कार्यकर्ता उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे। अंतिम संस्कार शुक्रवार शाम को दिल्ली के राजघाट के पास राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
डॉ. सिंह के निधन के बाद केंद्र सरकार ने सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। इस दौरान सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। शुक्रवार सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट की विशेष बैठक बुलाई गई है, जिसमें उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे।
डॉ. सिंह के निधन की खबर से कांग्रेस पार्टी में गहरा शोक है। पार्टी ने अपने स्थापना दिवस सहित सभी आगामी कार्यक्रम 3 जनवरी तक स्थगित कर दिए हैं। कर्नाटक के बेलगावी में चल रही कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक को भी रद्द कर दिया गया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी, जो बेलगावी में थे, तुरंत दिल्ली पहुंचे और डॉ. सिंह के आवास पर उनके परिवार से मुलाकात की। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा, “मैंने अपना मार्गदर्शक और गुरु खो दिया। उनका सादा जीवन और उच्च विचार हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।”
डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था की महान हस्तियों में से एक थे। उनका जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब में हुआ। पढ़ाई में हमेशा अग्रणी रहे डॉ. सिंह ने कैंब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयों से उच्च शिक्षा प्राप्त की। 1991 में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने देश को आर्थिक संकट से उबारा और उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की दिशा में भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया। 2004 में वे भारत के 14वें प्रधानमंत्री बने और 2014 तक इस पद पर रहे। उनके कार्यकाल में मनरेगा और भारत-अमेरिका परमाणु समझौता जैसी बड़ी उपलब्धियां हुईं। उन्हें 1987 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
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