/ Nov 26, 2024
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MAHA ASHTAMI 2024: हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां दुर्गा की पूजा से साधक को पृथ्वी पर स्वर्ग के समान सुख प्राप्त होते हैं, और सभी प्रकार के दुख, भय और संकट दूर हो जाते हैं। हर साल की तरह इस बार भी सप्तमी तिथि के अगले दिन अष्टमी मनाई जाएगी, लेकिन अष्टमी तिथि को लेकर लोग कुछ असमंजस में हैं।
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 6 मिनट पर समाप्त होगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरू होगी, जिस दिन पूजन और हवन किया जाता है, और इसके अगले दिन दशहरा मनाया जाएगा।
धर्म विशेषज्ञों और विद्वानों के अनुसार, शारदीय नवरात्र के दौरान मां दुर्गा की पूजा निशा काल में की जाती है। शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि मां काली को समर्पित होती है, और इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। यदि सप्तमी और अष्टमी तिथि एक ही दिन पड़ें, तो अष्टमी का व्रत मां कालरात्रि की पूजा वाले दिन नहीं रखा जाता है। इसके अगले दिन अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस वर्ष अष्टमी का व्रत 11 अक्टूबर को रखा जाएगा और नवमी पूजन एवं हवन भी इसी दिन किया जाएगा। 12 अक्टूबर को व्रत का पारण कर सकते हैं।
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि दोनों ही एक ही दिन पड़ रही हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कन्या पूजन कब करना है। जिन क्षेत्रों में महाअष्टमी की पूजा करने की परंपरा है, उनके लिए कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त 11 अक्टूबर, शुक्रवार को है। दूसरी ओर, जिन क्षेत्रों में नवमी तिथि का विशेष महत्व है, उनके लिए कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त 12 अक्टूबर, शनिवार को सुबह 10 बजकर 59 मिनट से पहले है। 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 59 मिनट के बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी। इसलिए, नवमी तिथि का पूजन करने वाले लोगों को इस समय से पहले कन्या पूजन पूरा कर लेना चाहिए।
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