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अगर भोलेनाथ की पूजा में की ये गल्तियां, तो शुभ की जगह हो सकता है अशुभ

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Lord Shiva Worship

Lord Shiva Worship: शिवलिंग को क्यों नहीं छूं सकती महिलाएं और क्यों की जाती है शिवलिंग की आधी परिक्रमा?

Lord Shiva Worship: हिंदू धर्म में कई देवी देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है। इसी पूजा अर्चना से देवी देवता प्रशन्न होकर हमारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं, लेकिन अगर हम सही विधी से पूजा नहीं करते तो इससे देवी देवता रुष्ट भी हो जाते हैं जिसके कारण हमारे जीवन में शुभ की जगह अशुभ होना शुरू हो जाता है।

इसी क्रम में आज बात करेंगे भगवान भोले नाथ की जिनके दिल में इतनी करुणा है कि वो अपने भक्तों को कभी निराश नहीं होने देते, लेकिन यदी भगवान भोले नाथ को क्रोध आ जाए तो वह रौद्र रूप धारण करने में भी देरी नहीं करते।

आप में से ज्यादातर कन्याओं और महिलाओं ने भगवान भोलेनाथ के व्रत (Lord Shiva Worship) जरूर किए होंगे, वहीं मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल भी चढ़ाया होगा लेकिन ज्यादातर महिलाओं व कन्याओं ने पूजा करते समय कुछ ऐसी गलतियां की होंगी जिससे आपको मिलने वाला फल विफल में बदल गया होगा या फिर बदल सकता है।

Lord Shiva Worship: क्यों है महिलाओं का भगवान शिव को छूना वर्जित?

सबसे पहली गलती होती है जब महिलाएं शिवलिंग को छूने की गलती करती हैं। शिवपुराण के अनुसार किसी भी कुवांरी लड़की को और साथ ही किसी भी महिला को शिवलिंग नहीं छूना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव हमेशा कड़े तप में लीन रहते हैं और यदी कोई लड़की या फिर महिला भगवान शिव को उस वक्त छूती है तो ऐसे में भगवान शिव का तप भंग हो सकता है। इसी कारण महिलाओं द्वारा शिव जी की पूजा (Lord Shiva Worship) दूर से ही की जानी चाहिए।

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इसके साथ ही ये भी कहा जाता है कि माता पार्वती को किसी भी महिला द्वारा शिवजी को छूना पसंद नहीं आता है, इस कारण भी महिलाओं का शिवलिंग को छूना वर्जित है।

कन्याएं क्यों नहीं कर सकती शिवलिंग की परिक्रमा?

हमारे देश में अधिकतर कुवांरी लड़कियां शिवजी के 16 सोमवार के व्रत (Lord Shiva Worship) करती हैं ताकी उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति हो, लेकिन ये व्रत करते समय लड़कियों को ये ध्यान में रखना चाहिए कि पूजा (Lord Shiva Worship) करते समय शिवलिंग के पास न जाएं, शिवलिंग को बिना छूएं जल चढ़ाएं और शिवलिंग की परिक्रमा न करें।

ऐसा माना जाता है कि यदि कोई कुवांरी लड़की शिवलिंग की परिक्रमा करती है तो इससे भगवान शिव के तप में खलल पैदा होता है। इसलिए भगवान शिव की पूजा दूर से ही करनी चाहिए ताकि भगवान भोले के तप में कोई विघ्न न आए।

Lord Shiva Worship: क्यों नहीं की जाती शिवलिंग की पूरी परिक्रमा?

वहीं भगवान शिव की पूजा (Lord Shiva Worship) करते समय आपने देखा होगा कि कोई भी व्यक्ति शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं करता है। मगर ऐसा क्यों किया जाता है इसका जवाब आपको आज देंगे। दरअसल कहा जाता है कि शिवलिंग की तासीर गर्म होती है इसी कारण शिवलिंग पर हर वक्त जल चढ़ाया जाता है। जब ये जल शिवलिंग के ऊपर से जाकर नीचे गिरता है तो ये पवित्र जल में बदल जाता है और इस पवित्र जल को लांघना पाप माना जाता है।

तो अब आप सभी को ये मालूम पड़ गया होगा कि भगवान शिव की पूजा (Lord Shiva Worship) करते वक्त क्या ध्यान में रखना चाहिए। अगर आप इस प्रकार भगवान शिव की पूजा करेंगे तो भगवान भोले आपसे प्रसन्न होकर आपकी सभी मनोकामनाओं को पूरा अवश्य करेंगे।

वहीं ये भी कहा जाता है कि अगर भगवान शिव की मूर्ती स्वरूप में पूजा (Lord Shiva Worship) की जाए जिसमें उनका पूरा परिवार होता है तो ऐसे में भगवान भोले अत्यंत प्रशन्न होते हैं और अपने भक्तों पर अपनी असीम कृपा बनाए रखते हैं।   

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