/ Sep 24, 2025
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LADAKH PROTEST: लद्दाख में पूर्ण राज्य और संविधान की छठी अनुसूची के तहत सुरक्षा की मांग को लेकर चल रहे अनशन और प्रदर्शनों का मंगलवार को 14वां दिन था, लेकिन आज यह शांतिपूर्ण आंदोलन ने अचानक हिंसक रूप ले लिया। लेह एपेक्स बॉडी (LAB) की युवा इकाई द्वारा बुलाए गए बंद और विरोध प्रदर्शन के दौरान युवा प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने लेह में बीजेपी कार्यालय पर हमला कर आग लगा दी और एक सीआरपीएफ वाहन को भी आग के हवाले कर दिया।
घटना की शुरुआत मंगलवार शाम (23 सितंबर) को हुई, जब अनशन पर बैठे 15 प्रदर्शनकारियों में से दो की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। LAB युवा विंग ने इस पर गुस्सा जाहिर करते हुए बुधवार को लेह में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन बुलाया। शुरुआत शांतिपूर्ण रही, लेकिन जल्द ही प्रदर्शनकारी बीजेपी कार्यालय की ओर बढ़े और वहां आग लगा दी। पथराव के दौरान पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया, जिसमें लाठीचार्ज शामिल था। फिलहाल किसी गंभीर चोट की खबर नहीं है, लेकिन अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं।
केंद्र सरकार ने 6 अक्टूबर को LAB और कर्गिल डेमोक्रेटिक एलायंस के प्रतिनिधियों के साथ अगली वार्ता की घोषणा की है। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देना, छठी अनुसूची में शामिल करना, अलग लोकसभा सीटें सुनिश्चित करना और स्थानीय नौकरियों में आरक्षण देना हैं। यह आंदोलन 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद से चल रहा है, जब लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि केंद्र ने राज्य और संवैधानिक सुरक्षा के वादे पूरे नहीं किए। लेह हिल डेवलपमेंट काउंसिल चुनाव अक्टूबर में होने हैं, जो इस आंदोलन को और तीव्र बना रहे हैं।
सोनम वांगचुक, जो 15 दिनों से अनशन पर हैं, ने इस हिंसा की निंदा की और सोशल मीडिया पर वीडियो संदेश जारी कर कहा, “मेरा शांतिपूर्ण रास्ते का संदेश आज विफल हो गया। युवाओं से अपील है कि इस बेवकूफी को बंद करें। यह हमारी मांग को नुकसान पहुंचाता है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंसा से आंदोलन कमजोर होता है और सरकार से संवेदनशीलता की अपेक्षा की जाती है। LAB के सह-अध्यक्ष चेरिंग डोरजे ने कहा कि लोग अधीर हो रहे हैं, लेकिन प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहना चाहिए।
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