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पहाड़ी जिलों में आग से 62 हैक्टेयर जंगल हो चुके खाक, अलर्ट रहने के निर्देश

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पर्यावरण प्रेमियों और वन विभाग के अफसरों ने वनाग्नि की घटनाओं को रोकने पर किया मंथन

पौड़ी गढ़वाल (कुलदीप बिष्ट): उत्तराखण्ड के पहाड़ी जिलों को फायर सीजन के इस दौर में वनाग्नि की घटनाओं से बचाने के लिये अब मुख्य वन संरक्षण निशांत वर्मा ने पौड़ी पहुंचकर वन विभाग और पर्यावरण प्रेमियों के साथ एक बैठक कर चमोली रुद्रप्रयाग और पौड़ी की वन विभाग टीम को पूरे फायर सीजन पर अर्लट पर रहने के निर्देश दिये हैं। जिससे इस बार पिछली साल की तरह वनाग्नि का विकराल रूप देखने को न मिले।

nishant varma

मुख्य वन संरक्षण वनाग्नि एंव आपदा प्रबंधन निशांत वर्मा ने अधिकारियों को वनाग्नि की घटनाओं की सूचना जल्द से जल्द एकत्रित कर तीव्रता के साथ जंगल की आग पर काबू पाने के निर्देश भी दिये हैं। वहीं, वनाग्नि की घटनाओं को राकने के लिये जनता से सहयोग की उम्मीद जताई हैं। मुख्य वन संरक्षण ने बताया कि प्रदेश में अब तक 54 वनाग्नि की घटनायें अलग अलग जनपदों में हुई जिसमें 62 हैक्टेयर जंगल वनाग्नि की भेट चढ चुका है और इससे वन सम्पदा को खासा नुकसान हुआ है। वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिये मुख्य वन संरक्षक ने बेहतर उपरणों का प्रयोग कर वनाग्नि की घटनाओं नजर रखने और वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिये अहम निर्देश दिये हैं।

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