जंगल की आग रोकेगी ये हाईटेक तकनीक…पहली बार हो रहा इस मशीन का प्रयोग

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पिरुल व सूखी पतियों को हटाया जाएगा, जनपद में बनेंगे 80 क्रो स्टेशन

चमोली (पुष्कर सिंह नेगी): वन विभाग द्वारा पहली बार फायर सीजन मे वनाग्नि की रोकथाम के लिए हाईटेक तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है स जिस के तहत लीफ ब्लोवर मशीन से जंगलों व सड़कों पर पड़ी सूखी पत्तिया व चीड़ के पीरुल को हटाया जा रहा है। लीफ ब्लोवर से तेज हवा जनरेट कर पतियो को उड़ा कर इकठा किया जा रहा है,साथ ही एक चैड़ी पट्टी विकसित कर फायर कंट्रोल लाइन बनाई जा रही है स इस पट्टी के बन जाने से आग एक छोर से दूसरी ओर नही आ पाती है।

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केदारनाथ वन प्रभाग द्वारा पांच लीफ ब्लोवर मशीनों को खरीदा गया है। जिन से प्रभाग के बिभिन्न क्षेत्रो मे पिरुल व सूखी पतियों को हटाने का कार्य किया जा रहा है। इन मशीनों के आ जाने से जहां वन कर्मी भी खुश है,वही वनों मे आग पर काबू पाया जा सकेगा। साथ ही प्रति बर्ष आग से होने वाले करोड़ो की वन संपदा व वन्य जीवों के नुकसान पर भी काबू पाया जा सकेगा। जिले मे आग से वनों को बचाने के लिए वन विभाग ने 80 से अधिक क्रो सेंटर बनाए है स साथ ही ग्रामीणों को वनाग्नि के रोक थाम की जानकारी भी दी जा रही है। जगह -जगह जनजागरण यात्रा निकाल कर गोष्टीया की जा रही है।

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केदारनाथ वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी इंद्र सिंह नेगी ने बताया कि जंगलों मे पहली बार आग की रोकथाम के लिए हाई टेक टैक्नीक का इस्तेमाल किया जा रहा है स प्रभाग ने पांच लीफ ब्लोवर खरीदे है। जिन से तेज हवा जनरेट कर पीरुल व सूखी पतियों को एकत्रित किया जा है स साथ ही तेज हवा से पीरुल को उड़ा कर एक पट्टी विकसित की जा रही है। ताकि जंगल की आग एक छोर से दूसरी छोर न जा पाए। उन्होंने इस नए प्रयोग पर उम्मीद जताई है और कहां कि इस की सफलता पर ओर मशीनों को मगाया जायगा। बताया कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए वन प्रभाग मे 29 क्रो सेंटर भी बनाए गए है।