/ Dec 26, 2024
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ISRO SPADEX MISSION: इसरो एक बार फिर से अंतरिक्ष में अपनी नई उपलब्धि के लिए तैयार है, और इस बार यह मिशन न केवल भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए ऐतिहासिक होने जा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 30 दिसंबर को स्पेडेक्स (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट) मिशन लॉन्च करने जा रहा है, जिसके तहत दो उपग्रहों को अंतरिक्ष में डॉक किया जाएगा। यह मिशन भारत को दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल कर देगा, जिनके पास अंतरिक्ष में डॉकिंग की क्षमता है, और इसरो इस तकनीक में रूस, अमेरिका और चीन जैसे देशों के साथ कदम मिलाकर चलने की ओर बढ़ रहा है।
इस मिशन में इसरो द्वारा भेजे गए दो उपग्रहों का वजन करीब 220 किलोग्राम होगा और इन्हें पृथ्वी से लगभग 470 किलोमीटर की ऊंचाई पर रखा जाएगा। इन उपग्रहों को इसरो का पीएसएलवी रॉकेट विशेष रूप से लॉन्च करेगा, और यह मिशन इसरो के साल 2024 का आखिरी मिशन होगा। हालांकि, यह इतना आसान नहीं है। उपग्रहों को तेज गति से चलने के बावजूद बिना किसी दुर्घटना के एक दूसरे से जोड़ने की प्रक्रिया बहुत चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि इनमें से कोई भी छोटी सी गलती अंतरिक्ष में बड़ी परेशानी पैदा कर सकती है।
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य दो उपग्रहों के डॉकिंग और अनडॉकिंग के लिए आवश्यक तकनीकों का परीक्षण करना है। इसरो का भारतीय डॉकिंग सिस्टम, जो NASA द्वारा विकसित अंतरराष्ट्रीय डॉकिंग सिस्टम (IDSS) के मानकों पर आधारित है, इन उपग्रहों की डॉकिंग के लिए उपयोग किया जाएगा। इन उपग्रहों की गति को धीमा करने के लिए विशेष रॉकेट और सेंसर का इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि उनकी गति शून्य के करीब हो जाए और वे एक दूसरे से टकराए बिना जुड़ सकें।
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इस मिशन के बाद भारत अंतरिक्ष स्टेशन बनाने, चंद्रयान-4 भेजने और भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजने के लिए तैयार हो सकेगा। इस मिशन के तहत, भारत को भविष्य में अंतरिक्ष में जटिल संरचनाओं के संयोजन जैसे उपग्रह सर्विसिंग, फॉर्मेशन फ्लाइंग और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) के निर्माण में भी मदद मिलेगी।
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