/ Sep 28, 2024

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आज है इंदिरा एकादशी का व्रत, जानिए पितृ पक्ष में क्या है इस व्रत का महत्व?

INDIRA EKADASHI 2024: इंदिरा एकादशी हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले उन व्रतों में से एक है, जिसका गहरा संबंध पितरों के उद्धार और उनकी शांति से है। यह व्रत विशेष रूप से PITRU PAKSHA में आता है, जिसे श्राद्ध पक्ष के रूप में भी जाना जाता है। PITRU PAKSHA के इस दौरान इंदिरा एकादशी का व्रत अत्यधिक महत्व रखता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि 27 सितंबर की दोपहर से शुरू होकर 28 सितंबर की दोपहर तक रहेगी। इसका मतलब है कि आज इंदिरा एकादशी है।

INDIRA EKADASHI 2024
INDIRA EKADASHI 2024

INDIRA EKADASHI 2024: इस व्रत की पौराणिक कथा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इंदिरा एकादशी के व्रत की कथा बहुत प्राचीन काल से जुड़ी हुई है। विष्णु पुराण में इसका विस्तार से वर्णन मिलता है। कथा के अनुसार, सतयुग में महिष्मति नगरी में राजा इंद्रसेन का शासन था, जो बहुत ही धार्मिक, न्यायप्रिय और विष्णु भक्त थे। एक दिन जब राजा इंद्रसेन अपने राजमहल में सभा कर रहे थे, तभी अचानक देवऋषि नारद मुनि उनके दरबार में आए। नारद मुनि ने राजा का अभिवादन स्वीकार किया और उन्हें एक चिंताजनक समाचार सुनाया।

INDIRA EKADASHI 2024
INDIRA EKADASHI 2024

नारद मुनि ने बताया कि राजा के पिता, जो स्वर्गवासी हो चुके थे, अपने पापों के कारण यमलोक में कष्ट भोग रहे हैं। नारद मुनि ने राजा को बताया कि उनके पिता को नरक से मुक्ति दिलाने का एकमात्र उपाय इंदिरा एकादशी का व्रत है।  नारद मुनि के इस सुझाव के बाद राजा इंद्रसेन ने तुरंत इस व्रत को करने का निश्चय किया। उन्होंने विधिपूर्वक PITRU PAKSHA के दौरान इंदिरा एकादशी का व्रत किया, जिसमें भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना, दान-पुण्य और ब्राह्मणों को भोजन कराया गया। व्रत के प्रभाव से राजा के पिता को नरक के कष्टों से मुक्ति मिली और वे स्वर्गलोक को प्राप्त कर सके।

PITRU PAKSHA
INDIRA EKADASHI 2024

PITRU PAKSHA के दौरान इंदिरा एकादशी में क्या करें-

  • इंदिरा एकादशी के दिन व्रतधारी व्यक्ति को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और पवित्र मन से व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीपक जलाकर, धूप, पुष्प, अक्षत और प्रसाद अर्पित कर उनकी पूजा करनी चाहिए।
  • इस दिन व्रतधारी को अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए और यदि संभव हो, तो निराहार रहकर भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहना चाहिए।
  • पूरे दिन विष्णु भगवान के नाम का जाप और ध्यान करना लाभकारी माना जाता है।
  • रात के समय जागरण करना और भगवान के गुणगान करना भी इस व्रत का हिस्सा होता है।
  • अगले दिन द्वादशी तिथि को व्रत का पारण किया जाता है, जिसमें ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान दिया जाता है और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।
INDIRA EKADASHI 2024
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इंदिरा एकादशी का धार्मिक महत्व

इंदिरा एकादशी (INDIRA EKADASHI 2024) का धार्मिक महत्व बहुत गहरा है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से न केवल पितरों की आत्मा को शांति और मुक्ति मिलती है, बल्कि यह व्रत करने वाले व्यक्ति के पाप भी धुल जाते हैं। PITRU PAKSHA में किए गए तर्पण और श्राद्ध कर्मों का प्रभाव इस एकादशी व्रत से और भी बढ़ जाता है, क्योंकि इस दिन किया गया कोई भी धार्मिक कार्य कई गुना फल देता है। इंदिरा एकादशी का व्रत केवल पितरों की मुक्ति के लिए ही नहीं, बल्कि स्वयं व्रतधारी के जीवन में भी शांति, समृद्धि और सुख लाने वाला होता है।

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ऐसा माना जाता है कि इस व्रत का पालन करने वाले व्यक्ति के जीवन से कष्ट और बाधाएं दूर हो जाती हैं और उसे अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है। धार्मिक दृष्टि से इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे मनुष्य के सभी पापों का नाश होता है और वह मोक्ष की ओर अग्रसर होता है। PITRU PAKSHA के दौरान इंदिरा एकादशी (INDIRA EKADASHI 2024) का व्रत उन सभी लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए चिंतित रहते हैं और उनकी मुक्ति की कामना करते हैं।

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