हेमकुंड साहिब के खुले कपाट, 12:30 बजे होगी इस साल की पहली अरदास

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चमोली, ब्यूरो : आज सुबह दस बजे पंच प्यारों की अगुवाई विधि विधान के साथ हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। इस मौके पर करीब पांच हजार श्रद्धालुओं ने हेमकुंड साहिब में मत्था टेका । और उसके बाद  पवित्र सरोवर में श्रद्धालुओं ने स्नान भी किया।

बता दें कि हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने की प्रक्रिया सुबह साढ़े नौ बजे से शुरू हो गई थी। गुरुग्रंथ साहिब को सचखंड से लाकर दरबार साहिब में रखा गया। जिसके बाद सुबह 10 बजे सुखमणि का पाठ हुआ। इसके बाद हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। वहीं आज शबद कीर्तन के बाद दोपहर में 12:30 बजे हेमकुंड साहिब में इस साल की पहली अरदास होगी।

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हेमकुंड साहिब की है खास मान्यता

हेमकुंड साहिब सिखों का एक प्रमुख तीर्थ स्थान है। जिसे उत्तराखंड के पांचवे धाम के रूप में पहचाना जाता है। मान्यता है कि यहां पहले एक मंदिर था जिसका निर्माण भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने करवाया था। और सिखों के 10 वें गुरु गोबिन्द सिंह ने यहां पूजा अर्चना की थी। और बाद में मंदिर को गुरुद्वारा घोषित कर दिया गया था।

कहा जाता है कि हेमकुंड साहिब सिक्खों के 10 वें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह की तपस्थली है… और ये सिक्ख तीर्थों की सबसे कठिन तीर्थ यात्रा भी कही जाती है। करीब 15 हजार 200 फीट ऊंचे ग्लेशियर पर स्थित हेमकुंड साहिब चारों तरफ से ग्लेशियर  से घिरा हुआ है।  हेमकुंड साहिब अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है । गुरुद्वारे के पास एक भी सरोवर जिसे अमृत सरोवर कहा जाता है। यह सरोवर लगभग 400 गज लंबा और 200 गज चौड़ा है। यह चारों तरफ से हिमालय की सात चोटियों से घिरा हुआ है। इन चोटियों का रंग वायुमंडलीय स्थितियों के अनुसार अपने आप बदल जाता है।

हेमकुंड साहिब के खुले कपाट, 12:30 बजे होगी इस साल की पहली अरदास