Home देहरादून महंत जी के बिगड़े बोल…हरक “शेर-ए-गढ़वाल” नहीं ‘‘सियार’’ हैं!

महंत जी के बिगड़े बोल…हरक “शेर-ए-गढ़वाल” नहीं ‘‘सियार’’ हैं!

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पूर्व मंत्री हरक सिंह की पुत्रबधू को बड़े अंतर से चुनाव हरवाने के बाद बोले महंत दिलीप सिंह रावत

देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं को मिली हार के बाद अब हरक पर हमला तेज हो गया है। बीजेपी प्रदेश मुख्यालय पहुंचे लैंसडौन विधायक दिलीप सिंह रावत ने मीडिया से बातचीत में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि हरक सिंह रावत अब तक लहर के साथ चुनाव लड़े हैं, जिसमें उन्हें जीत भी मिली। लेकिन, मौजूदा विधानसभा चुनाव में विपरीत परिस्थितियों में चुनाव लड़ने के बाद हरक सिंह रावत की हकीकत सामने आ गई है कि वह कितने बड़े नेता है। उन्होंने कहा कि खुद को शेर-ए-गढ़वाल कहने वाले हरक सियार हैं। शायद कई लोग सियार का अर्थ नहीं समझते हैं तो बता दें कि लोमड़ी को पहाड़ी इलाकों में सियार कहा जाता है। अब आप समझ सकते हैं कि महंत जी हरक सिंह रावत की तुलना किस जानवर से कर रहे हैं।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि हरक सिंह रावत अपनी विश्वसनीयता को खो चुके हैं। राजनीति में ईमानदारी, निष्ठा, चरित्र और समर्पण की भावना होनी चाहिए जो कि हरक सिंह रावत में नहीं है। इसलिए अब जनता उन पर विश्वास नहीं करने वाली है। इतना ही नहीं दिलीप सिंह रावत ने कहा कि हरक सिंह रावत खुद को शेर ए गढ़वाल बताते हैं जबकि वह सियार हैं।

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बता दें कि लैंसडाउन सीट पर बीजेपी उम्मीदवार दिलीप सिंह रावत ने जीत दर्ज की है। यह दिलीप सिंह रावत की लगातार तीसरी जीत है। उन्होंने बीजेपी के बागी मंत्री और कोटद्वार विधायक रहे हरक सिंह रावत की बहू और कांग्रेस प्रत्याशी अनुकृति गुसाईं को 9 हजार 868 वोटों के अंतर से हराया। अनुकृति गुसाईं की हार को हरक सिंह रावत की हार के रूप में ही देखा जा रहा है। चुनाव के बाद मिली जीत से गदगद दिलीप सिंह रावत ने हरक सिंह को आड़े हाथों लेते हुए बयान दिए हैं। आपको यह भी बता दें कि भाजपा में रहते वक्त दोनों नेताओं की आपसी जुबानी जंग अक्सर मीडिया के माध्यम से सामने आती रही है। यह हरक सिंह रावत के लिए भी बड़ी चुनौती है कि वह अपने आप को अब राजनीतिक क्षेत्र में किस तरह फिर से पुराने मुकाम तक ले जा पाते हैं। यह भी देखना होगा कि हरक सिंह रावत महंत जी की कठोर टिप्पणी का कुछ जवाब देते हैं या नहीं।

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